खनन क्षेत्र में छापेमारी करने गए डीएफओ के काफिले पर हमला
फोटो संख्या 8 - पत्थर माफिया हमला कर छ़ुड़ा ले गए दो गिट्टी लदे ट्रैक्टर - डीएफओ व रेंजर का वाहन क्षतिग्रस्त जान बचाकर भागे सुरक्षा कर्मी - टीम ने जब्त किया एक डंफर और एक ट्रक प्राथमिकी दर्ज
जागरण संवाददाता,सासाराम: रोहतास। सासाराम मुफस्सिल थाना क्षेत्र के करवंदिया में रोहतास के डीएफओ प्रद्युमन कुमार गौरव के काफिले पर रविवार की सुबह पत्थर माफिया ने हमला कर दिया। वन विभाग की टीम पर उस वक्त हमला किया गया, जब वह अवैध पत्थर खनन के खिलाफ छापेमारी करने पहुंची थी। हमले के दौरान डीएफओ की स्कार्पियो संख्या बीआर 24 एल 0003 का पिछला शीशा व रेंजर के वाहन का शीशा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
डीएफओ ने बताया कि अवैध पत्थर खनन व क्रशर मशीनें चलने की जानकारी मिलने पर सुबह रेंजर सत्येंद कुमार शर्मा और फोरेस्टर बाल्मिकी सिंह के साथ वे गोपी बिगहा समेत करंवदिया इलाके में छापेमारी करने गए थे। इस क्रम में गिट्टी लदे एक हाइवा, एक ट्रक और करवंदिया से दो गिट्टी लदे ट्रैक्टर को जब्त किया गया था। इसी क्रम में करवंदिया स्थित चांदनी चौक पर टीम पर हमला कर माफिया गिट्टी लदे दो ट्रक को लेकर भाग निकलने में सफल रहे। वाहन पर किए गए पथराव की जद में आने से रेंजर सत्येंद कुमार शर्मा को हल्की चोट आई है। रेंजर के भी सरकारी वाहन का शीशा पथराव के कारण पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। जानकारी के अनुसार पथराव के दौरान कई सुरक्षा कर्मी किसी तरह से जान बचाकर वहां से भागे। इस संबंध में फोरेस्टर बाल्मिकी सिंह के बयान पर मुफस्सिल थाना में पांच दर्जन अज्ञात हमलावरों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। बताते चले कि चार दिन पहले डीएम पंकज दीक्षित की अध्यक्षता में वन, खनन समेत अन्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त रूप से हुई बैठक में हर हाल में अवैध खनन पर रोक लगाने की रणनीति बनाई गई थी। जिसके आलोक में यह छापेमारी की जा रही थी। वन सुरक्षित क्षेत्र के अलावा पत्थर खदान क्षेत्रों में भी पत्थर खनन पर पूरी तरह से सरकार द्वारा पाबंदी लगाई गई है। वन विभाग की टीम पर पहली दफा नहीं हुआ यह हमला:
सासाराम: वन विभाग की टीम पर यह हमला का पहली दफा मामला नहीं हुआ है। पिछले वर्ष 2018 के सितंबर माह में ही वन विभाग की टीम पर गायघाट-गिजवाही में पत्थर माफिया द्वारा हमला कर कई वन कर्मियों को घायल कर दिया गया था। खनन पर प्रतिबंध लगने के आठ वर्ष के दौरान दो दर्जन से अधिक बार हमले हो चुके हैं। जिसकी प्राथमिकी मुफस्सिल, दरिगांव, इंद्रपुरी, सासाराम, डेहरी थाना में दर्ज है। बावजूद इसके पत्थर माफिया अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं।