दो माह बाद भी बर्खास्त एएनएम पर दर्ज नहीं हुई प्राथमिकी
आखिर बड़ा कौन ..? बड़े साहब या फिर उनके मातहत अधिकारी। कुछ इसी तरह का मामला स्वास्थ्य विभाग में सा
आखिर बड़ा कौन ..? बड़े साहब या फिर उनके मातहत अधिकारी। कुछ इसी तरह का मामला स्वास्थ्य विभाग में सामने आया है। फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रही पांच एएनएम में से दो के विरूद्ध संबंधित प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी न तो आज तक प्राथमिकी दर्ज कर पाए हैं और नहीं वेतन वसूली की ही कार्रवाई कर सके हैं। जिससे विभागीय अधिकारी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा होने लगा है।
जिले के दावथ व बिक्रमगंज प्रखंड से जुड़े इस मामले में सिर्फ अभी तक सेवामुक्त की कार्रवाई ही जा सकी है। जबकि निर्देश के बाद भी न तो प्राथमिकी दर्ज की जा सकी है न वेतन वसूली की कार्रवाई। जबकि काराकाट के बर्खास्त एएनएम कमला कुमारी, पार्वती कुमारी व उर्मिला देवी के विरूद्ध वहां के एमओआइसी ने प्राथमिकी दर्ज कर अपनी जवाबदेही को इतिश्री कर लिया है। जिसमें कमला कुमारी पूर्व में ही सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। स्थानीय लोगों की माने तो दावथ के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अपने कार्यालय में कम ही आते हैं। जबकि बिक्रमगंज के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी बर्खास्त एएनएम का ब्यौरा जुटाने में लगे हैं कि वे कहां-कहां कार्यरत थी।
बताते चले कि शिकायतों पर हुई जांच में मैट्रिक की फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाली पांच एएनएम को चिन्हित कर सिविल सर्जन डॉ. जनार्दन शर्मा ने चार दिसंबर 2019 को सेवामुक्त करते हुए उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज व वेतन वसूली करने की कार्रवाई करने का निर्देश संबंधित प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया था। जिनमें काराकाट के एएनएम कमला कुमारी, पार्वती कुमारी व उर्मिला देवी, बिक्रमगंज की राधामुनी देवी व दावथ की राजकुमारी देवी शामिल थी। सिविल सर्जन डॉ. जनार्दन शर्मा ने कहा कि फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाली पांच एएनएम को बीते वर्ष दिसंबर में बर्खास्त करते हुए उनके विरूद्ध प्राथमिकी व वेतन वसूली करने की कार्रवाई करने का निर्देश प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया गया था। लेकिन किसके विरूद्ध प्राथमिकी व वेतन वसूली की कार्रवाई की गई है, इसकी जानकारी ली जाएगी। जो प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी आदेश को अमल कराने में फिसड्डी साबित होंगे उनके विरूद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।