छापेमारी में दबोचे गए वर्षों से फरार दो हार्डकोर नक्सली
रोहतास। चुटिया थाना क्षेत्र के कातुडाड़ गांव में गुरुवार की रात छापेमारी कर सुरक्षा बल
रोहतास। चुटिया थाना क्षेत्र के कातुडाड़ गांव में गुरुवार की रात छापेमारी कर सुरक्षा बलों ने वर्षों से फरार दो हार्डकोर नक्सलियों को धर दबोचा। गिरफ्तार बालेश्वर ठाकुर व रंजीत राम की परछा विद्यालय भवन को बारूदी सुरंग विस्फोट कर उड़ाने व अमहुआ के पास पुलिस के साथ मुठभेड़ के मामले में इनकी संलिप्तता रही है। सीआरपीएफ 47 वीं कमान के सहायक समादेष्टा सुभाषचंद्र झा व थानाध्यक्ष मुकेश कुमार के नेतृत्व में सीआरपीएफ एवं जिला पुलिस बल के जवानों की संयुक्त कार्रवाई के दौरान यह बड़ी सफलता हासिल हुई।
इस संबंध में थानाध्यक्ष ने बताया कि दोनों नक्सली 31 मई 2011 को मध्य विद्यालय परछा के भवन को बारूदी सुरंग से विस्फोट कर उड़ाने एवं 13 मार्च 2011 को तत्कालीन आरक्षी अधीक्षक मनु महाराज के नेतृत्व में चल रही छापेमारी के दौरान सुरक्षा बल के साथ अमहुआ के पास हुई मुठभेड़ के मामले में पिछले आठ वर्षों से पुलिस को तलाश थी। क्षेत्र में नक्सलियों का सफाया होने के बाद दोनों अन्य प्रदेशों में वेश बदल कर रह रहे थे। एएसपी (अभियान) दुर्गेश कुमार को दोनों नक्सलियों के क्षेत्र में आने की सूचना मिली थी। इनकी गिरफ्तारी के लिए कातुडाड़ समेत निकटवर्ती जंगलों में छापेमारी अभियान चलाया गया। देर रात कातुडाड़ स्थित इनके घर से ही सीआरपीएफ ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। बताया कि नक्सली जोनल सचिव वीरेंद्र यादव उर्फ राणा यादव, जोनल कमांडर मुन्ना विश्वकर्मा, अभय यादव के साथ इन दोनों ने मिलकर परछा विद्यालय भवन विस्फोट कर उड़ा दिया था। विस्फोट इतनी जबरदस्त थी कि विद्यालय के चार कमरे पूरी तरह ध्वस्त हो गए थे। साथ ही आसपास के मकानों की बुनियाद हिल गई थी। जिसकी पुलिस को वर्षो से तलाश थी। पुलिस सूत्रों की माने तो इन दानों नक्सलियों के अपने घर आने की सूचना पर तीन दिनों से सुरक्षा बल के जवान बिजली मिस्त्री तो कभी अन्य कई वेश में इसके घर के इर्द गिर्द लगे हुए थे। बताते चले कि गत पांच सितंबर को भी इन्हीं मामलों में मटियाव के तिलेश्वर सिंह एवं नवाडीह कला के उमाशंकर राम को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।