समस्त ग्रंथों का सार है रामचरित मानस: राहुल जी महाराज
श्रीराम चरित्र मानस में समस्त ग्रंथों का सार समाहित है। रामायण की एक चौपाई ही मानव जीवन में परिवर्तन
श्रीराम चरित्र मानस में समस्त ग्रंथों का सार समाहित है। रामायण की एक चौपाई ही मानव जीवन में परिवर्तन ला देती है। मनुष्य को यदि भवसागर पार करनी है, तो मनुष्य को राम कथा रुपी नौका में बैठना पडे़गा। प्रखंड क्षेत्र के सेमरियां गांव में आयोजित श्रीराम चरित्र मानस महायज्ञ में मानस मर्मज्ञ राहुल जी महाराज ने बुधवार को राम कथा के दौरान यह बातें कही। कहा कि राम जन्म के हेतु अनेका, परम विचित्र एक तें एका। जब-जब होहीं धरम की हानि, बाढ़हि असुर अधम अभिमानी..। पृथ्वी पर रावण सहित राक्षसों का अत्याचार बढ़ने लगा और धर्म की हानि होने लगी तब कृपा निधान प्रभु भांति-भांति के दिव्य शरीर धारण कर निश्चरों का नाश करने लगे। उन्होंने कहा कि हरि अनंत हैं और उनकी कथा भी अनंत है। आप जितना ही अन्दर जाएंगे उतना ही भक्ति के रस में डूबते चले जाएंगे।
यज्ञ में पहुंचे भागवत कथावाचक विश्वाकांताचार्य जी महाराज, भोजपुरिया बाबा विजयकांत दूबे व रमाकांत जी महाराज के प्रवचनों से आस पास का क्षेत्र भी भक्तिमय बन गया है। आयोजकों द्वारा रामलीला व रासलीला का भी आयोजन किया गया है। आयोजक आसुतोष तिवारी, मनोज तिवारी, अनिल सिंह, संतोष तिवारी, सुदर्शन यादव, दया सिंह, सुनिल तिवारी सहित अन्य ग्रामीण व्यवस्था में लगे हुए हैं।