जिले में उड़ रहीं माप-तौल अधिनियम की धज्जियां
रोहतास। माप-तौल विभाग की लापरवाही से उपभोक्ता बाजारों में सरेआम ठगे जा रहे हैं। जहां क
रोहतास। माप-तौल विभाग की लापरवाही से उपभोक्ता बाजारों में सरेआम ठगे जा रहे हैं। जहां कई शहरों में सामानों का वजन इलेक्ट्रिानिक वेट मशीन से हो रहा है, वहीं जिले के अधिकांश फुटकर विक्रेता लोहे के बाट के बदले पत्थर के बाट इस्तेमाल कर रहे हैं। जिससे उपभोक्ताओं को चूना लग रहा है। उपभोक्ताओं की मानें तो विभागीय अधिकारियों की निष्क्रियता से ऐसे फुटकर विक्रेताओं के हौसले आसमान छू रहे हैं। जिले के बिक्रमगंज, डेहरी, कोचस, करगहर, नोखा, चेनारी, नासरीगंज आदि स्थानों पर माप-तौल अधिनियम की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।
स्थानीय रौजा रोड स्थित सब्जी मंडी में दर्जनों सब्जी व फल ठेला दुकानदारों द्वारा सही वजन से कम तौला जा रहा है। कई उपभोक्ताओं ने बताया कि कुछ दुकानदार तराजू पर डांड़ी चढ़ाकर तो कुछ पत्थर के बाटों से ग्राहकों की जेब ढिली करने में लगे हैं। जिनके पास लोहे के बाट हैं वे भी उन्हें अमानक कर दिए हैं। लोहे के बाटों के अंदर सही वजन के लिए भरे गए रांगा को निकाल दिया गया है। जिससे एक किलो सामान लेने पर उसका सही वजन 800 ग्राम ही हो रहा है।
कर्मियों का टोटा झेल रहा विभाग :
जिले में उपभोक्ताओं को सही तौल मिले इसके लिए चार मापतौल निरीक्षकों के पद सृजित हैं। लेकिन कर्मियों का घोर अभाव झेल रहे विभाग के पास वर्तमान में मात्र दो निरीक्षक ही जिले की कमान संभाले हुए हैं। मनोज कुमार ¨सह सासाराम तथा अनिल कुमार डेहरी व बिक्रमगंज के प्रभार में हैं। इतना ही नहीं विभाग के पास अन्य कर्मियों का भी टोटा है। निरीक्षक एमके ¨सह की मानें तो चपरासी तक का कार्य खुद से करना पड़ता है।
जांच की हो रही खानापूर्ति :
दुकानदारों के बाट सत्यापन के नाम पर विभाग खानापूर्ति की कार्रवाई में लगा है। इसका लाभ उठाकर न सिर्फ खुदरा दुकानदार बल्कि आटा-चावल मिलों में भी उपभोक्ताओं को खुलेआम लूटा जा रहा है। अधिकतर मिलों में 10 किलो से ले 40 किलो तक के पत्थर के बाट उपयोग में लाए जाते हैं। और उसी के अनुसार ग्राहकों से कुटाई व पिसाई की कीमत वसूली जाती है। उपभोक्ताओं की मानें तो वर्तमान परिस्थिति में जिले का माप-तौल विभाग सफेद हाथी बनकर रह गया है।