अवैध खनन के चलते जानलेवा बनती जा रही सोन नदी
अमझोर थाना परिसर से महज एक किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित प्रखंड के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जागोडीह के खेल मैदान से सटे सोन नदी में अवैध तरीके से बालू खनन के चलते नदी जानलेवा हो गई है। बड़ी-बड़ी शक्तिशाली मशीनों द्वारा बालू निकासी की वजह से कई जगहों पर
अमझोर थाना परिसर से महज एक किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित प्रखंड के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जागोडीह के खेल मैदान से सटे सोन नदी में अवैध तरीके से बालू खनन के चलते नदी जानलेवा हो गई है। बड़ी-बड़ी शक्तिशाली मशीनों द्वारा बालू निकासी की वजह से कई जगहों पर नदी इतनी गहरी हो गई है कि वहां जाने वाले आसपास के लोगों व अनजान पशुपालकों के डूबने की आशंका बढ़ गई है। बालू खनन का यह अवैध धंधा रात को कौन कहे यहां दिन के उजाले में भी बेरोकटोक जारी रहता है।
गत वर्ष अमझोर थाना क्षेत्र के केरपा गांव के दो पशुपालक व अपने ननिहाल आए तीन मासूम बच्चों की मौत स्नान करने के क्रम में डूबने से हो गई थी। इसमें से दो सगे भाई व एक ममेरा फुफेरा भाई था। गर्मी के मौसम में तो यहां इस नदी में पहाड़ी क्षेत्रों के गाय, भैंसों को पानी पिलाने व धोने के लिए पशुपालक अक्सर लाते हैं।
बताया जाता है कि पहाड़ी इलाके में पानी व चारे के अभाव के कारण पशुपालक मवेशियों के झुंड को लेकर नदी के तटीय इलाके में कुछ दिनों के लिए आशियाना बना लेते हैं। जिन्हें मवेशियों को चराने, धोने व पानी पिलाने में आसानी होती है। ऐसे में इस क्षेत्र की स्थिति से अनजान व आसपास नदी में कम पानी होने के चलते उन्हें इस बात का भान ही नहीं रहता कि जहां-तहां मशीनों से नदी में गहरी खाई बना दी गई है। ग्रामीण बताते हैं कि विद्यालय के खेल मैदान से मात्र 25 से 30 मीटर पूरब नदी में इतनी गहराई बालू माफिया द्वारा कर दी गई है कि वहां जाने पर किसी भी अनजान व्यक्ति का बचना मुश्किल है। पहले गर्मी के दिनों में छिछली नजर आने वाली सोन नदी अब कई जगहों पर दस से बारह फीट तक गहरी हो गई है। ग्रामीणों की मानें तो उन्होंने इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार शिकायत की, लेकिन नदी के स्वरूप को संरक्षित रखने के लिए कोई ठोस कार्रवाई अबतक नहीं हुई।