पिता के हर सपने को पूरा करना चाहता है शहजाद
पिता के हर सपने को पूरा करना चाहता है शहजाद
बिहार टॉप टेन में शामिल सहजाद आलम अपने पिता के हर सपने को साकार करना चाहता है। 471 अंक के साथ दसवां स्थान पाने वाले शहजाद पढ़-लिखकर भारतीय प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहता है। 2007 में पिता इजहार अंसारी की मौत के बाद माता अख्तरी बेगम पर तीन बेटों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर सारा बोझ आने के बाद माता के हौसले में कोई कमी नहीं आई। उसने दो बेटे नौशाद आलम व आफताब आलम को रेलवे में नौकरी दिलाने में कामयाब रही हैं।
शहजाद कहते हैं पढा़ई की प्रेरणा मम्मी के अलावे दोनो भाइयों से मिली। जिसमें उच्च विद्यालय कोचस के प्रधानाध्यापक रामदेव प्रसाद एवं शिक्षकों का भरपूर सहयोग मिला। कहा कि पिता दर्जी का कार्य करते थे, जिनकी मौत 2007 में हो गई थी। उस वक्त शहजाद तीन साल का था। कहा कि उसने हार नहीं मानी व सीमित संसाधनों में पढ़ाई को जारी रखा। परिणाम सबके सामने है। शहजाद ने कहा कि वह आगे की पढाई कर आइएएस बनना चाहता है, ताकि देश सेवा के साथ जरुरतमंदों के लिए कुछ कर सके।