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कभी लगता था डर, अब हो रहा गुलजार

ग्रेड ए में शामिल सासाराम रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू कर दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 10:01 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 10:01 PM (IST)
कभी लगता था डर, अब हो रहा गुलजार
कभी लगता था डर, अब हो रहा गुलजार

ग्रेड ए में शामिल सासाराम रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू कर दी गई है। अगले कुछ महीने में दुर्गावती से सोननगर तक डीएफसीसी रेल लाइन के चालू होने की संभावना को देखते हुए उसके कार्यालय व आवास का निर्माण कार्य को गति देने के काम में तेजी ला दी गई है। जिससे झाड़-जंगल वाले बदहाल तालाबों व भूखंडों के भी दिन बहुरने लगे हैं। स्टेशन से दक्षिण तरफ झाड़ी में तब्दील एक तालाब के पास रात की बात तो दूर दिन में भी उस रास्ते से स्टेशन जाने की हिम्मत तक नहीं होती थी। झाड़यिों से घिरे अतिक्रमित व बदहाल तालाब अपराधियों के लिए माकूल जगह बन गया था। लेकिन अब स्टेशन के विकास के साथ उस जगह का भी कायाकल्प हो रहा है। करोड़ों की लागत से डीएफसीसी का आवासीय भवन बन रहा है। डीडीयू व गया के बीच यहां पर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रेल लाइन का कनवेंशन सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। दफ्तर से ले आवास तक का हो रहा निर्माण :

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तीन एकड़ से भी अधिक क्षेत्रफल में झाड़यिों से घिरे इस तालाब में दफ्तर से ले अधिकारियों व र्किमयों के आवास तक बन रहे हैं। जिससे इस तालाब व जमीन पर लोगों के आवक से आवाक से गुलजार हो सके। निर्माण कार्य पर पांच करोड़ से अधिक रूपये खर्च करने की योजना है। एक से दूसरे छोर तक एप्रोच पथ भी बनाए जाएंगे, ताकि आने-जाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। इस भूमि को विकसित करने के लिए एक दशक से भी अधिक समय से मांग उठती रही है। लूट से ले हत्या तक की घटी थी घटना :

बस पड़ाव से रेलवे स्टेशन तक जाने वाले इस रास्ते में लूट से ले हत्या तक की कई घटनाएं हो चुकी है। अपराधी इस रास्ते में घटना को अंजाम दे झाड़ी के अंदर छिप घटना को अंजाम दे देते थे। 2002 के दशक में छात्र की हत्या हो या फिर 2004 में स्टेशन से उतर कर घर लौट रहे यात्री प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव की। इसके अलावा यात्रियों के साथ लूटपाट की अन्य घटनाएं। झाड़ीनुमा यह तालाब अपराधियों के लिए सुरक्षित स्थान के रूप में साबित होते थे। कहते हैं अधिकारी :

रेलवे अपनी सारी जमीन को विकसित करने का निर्णय लिया है। सासाराम में भी रेलवे की काफी भूमि बेकार पड़ी है। जहां विकास कार्य कराए जा रहे हैं। स्टेशन के दक्षिण तरफ से पूर्व के झाड़ीनुमा तालाब को भरकर अधिकारियों व र्किमयों को रहने के लिए आवास बनाए जा रहे हैं। जिस पर पांच करोड़ से भी अधिक रुपये खर्च किए जाएंगे। साथ ही कई अन्य कार्य भी कराए जाने को प्रस्तावित है। इन कार्यों के हो जाने से लोगों की आवक बढ़ेगी, जिससे आपराधिक घटनाओं पर रोक लगेगी।

उमेश कुमार, स्टेशन प्रबंधक


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