निजी विद्यालयों में उड़ रहीं आरटीइ की धज्जियां
रोहतास। स्थानीय नगर पंचायत क्षेत्र में संचालित तीन दर्जन से अधिक निजी विद्यालयों में विभागीय उदासीन
रोहतास। स्थानीय नगर पंचायत क्षेत्र में संचालित तीन दर्जन से अधिक निजी विद्यालयों में विभागीय उदासीनता के कारण शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धज्जियां उड़ रही हैं। इनमें अधिकांश विद्यालयों का न तो अभी तक निबंधन ही कराया गया है, और न तो शिक्षा के अधिकार कानून का अनुपालन किया जा रहा है। जिसके कारण मध्यम से लेकर गरीब अभिभावक इन निजी विद्यालयों के दोहन के शिकार हो रहें हैं।
अभिभावक अजय कुमार ¨सह सहित अन्य का कहना है कि उच्चस्तरीय पठन-पाठन के नाम पर अभिभावकों से मनमानी फी की वसूली तो की जा रही है, लेकिन खुद पढ़ाने वाले कई शिक्षकों की योग्यता पर हीं प्रश्न चिह्न खड़ा होने लगता है। कई ऐसे विद्यालय हैं जिनमें एक भी प्रशिक्षित शिक्षक नहीं हैं, और न ही खेल के कोई शिक्षक। जिनके कारण इन विद्यालयों में बच्चों के मानसिक ,शारीरिक या बौद्धिक विकास की बात बेमानी है। बताया जाता है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रत्येक विद्यालयों में 25 फीसद गरीब बच्चों का निश्शुल्क नामांकन करना है, लेकिन यहां सारे नियम कानून ताक पर रखकर निजी विद्यालयों का धड़ल्ले से संचालन किया जा रहा है। ¨रकू ओझा, शिवजी तिवारी सहित अन्य का कहना है कि फी वृद्धि के लिए भी कोई नियम कानून नहीं है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी केके ¨सह ने बताया कि सात निजी विद्यालयों के निबंधन को लेकर उक्त विद्यालयों की जांच का निर्देश जिला से प्राप्त हुआ है। निर्धारित मानकों की जांच कर विभाग को रिपोर्ट भेजी जाएगी।