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जिले की पनबिजली परियोजनाओं में उत्पादन ठप

रोहतास। एक ओर केंद्र व राज्य सरकार पूरी तरह प्रदूषण रहित पन बिजली परियोजनाओं के निम

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Mar 2017 03:10 AM (IST)Updated: Sat, 04 Mar 2017 03:10 AM (IST)
जिले की पनबिजली परियोजनाओं में उत्पादन ठप
जिले की पनबिजली परियोजनाओं में उत्पादन ठप

रोहतास। एक ओर केंद्र व राज्य सरकार पूरी तरह प्रदूषण रहित पन बिजली परियोजनाओं के निर्माण को प्रोत्साहित करने को तत्पर है। वहीं दूसरी ओर सरकार की अनदेखी के कारण बीएचपीसी द्वारा संचालित चार विद्युत परियोजनाओं में पिछले कई माह से उत्पादन बंद पड़ा है। डेहरी के तीन यूनिट के बंद रहने से 4.5 व ढेलाबाग के एक यूनिट बंद रहने से 500 किलोवाट विद्युत उत्पादन की क्षति हो रही है। जिससे इन परियोजनाओं में उत्पादित हो सकने वाली 9.2 मेगावाट बिजली से वंचित होना पड़ रहा है। इनके उत्पादन ठप होने से प्रतिदिन लाखों का नुकसान बीएचपीसी को उठाना पड़ रहा है। जानकार कहते हैं कि तीन वर्षों से पूर्णकालिक एमडी के पदस्थापित नहीं होने के कारण व प्रभारी एमडी की तकनीकी रूचि नहीं होने से उजाला देने वाली इन परियोजनाओं में अंधेरा छाया हुआ है।

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बीएचपीसी के अनुसार जिले के सवारी, नासरीगंज, जयनगरा व श्री¨खडा जल विद्युत परियोजना में उत्पादन कई माह से बंद पड़ा है। जबकि डेहरी जल विद्युत परियोजना की चार इकाइयों में से केवल एक ही इकाई चालू है। जिससे मात्र छह की जगह 1.5 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है।

ढेलाबाग जल विद्युत परियोजना की दो में से केवल एक में 500 किलोवाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इन दोनों परियोजनाओं के लिए नवंबर 2016 से संचलक कंपनी का नवीकरण नहीं किया गया है।

अधिकतर तकनीकी खराबी के कारण बंद:

जिले की यह परियोजनाएं विभाग की गलत नीतियों के कारण तकनीकी गड़बड़ी व संचालकों की नियुक्ति नहीं होने के कारण बंद पड़ी है। जिसके दूर करने का प्रयास विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है। फलस्वरूप इन परियोजनाओं की करोड़ों की मशीनें जंग खा रही है।

जिले की निर्माणाधीन परियोजनाएं:

जिले के रामपुर, नटवार, अमेठी व पहरमा में निर्माणाधीन पनबिजली परियोजना का तीन वर्षों से निर्माण कार्य ठप है। इन परियोजनाओं का 60 फीसद सिविल का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। परियोजनाओं के लिए लाखों की विद्युत संबधी सामग्रियों का क्रय भी हो चुका है, जिसे जंग खा रही है। इसका निर्माण नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि व विकास ग्रामीण बैंक) की मदद से कराया गया था। एक परियोजना के निर्माण पर लगभग पांच करोड़ की लागत आई है।

कहते हैं अधिकारी :

बीएचपीसी के परियोजना पदाधिकारी सुरेंद्र ¨सह कहते है मुख्यालय सारी स्थिति से अवगत है। जो आदेश होगा उसका अनुपालन किया जाएगा।

चालू परियोजना

-डेहरी

-ढेलाबाग

बंद परियोजनाएं

-नासरीगंज

-सवारी

-जयनगरा

-श्री¨खडा

निर्माणाधीन परियोजनाएं

-रामपुर

-नटवार

-अमेठी

-पहरमा


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