तार टूटने से विद्युत आपूर्ति ठप, 22 गांवों की सिचाई प्रभावित
प्रखंड के सकला विद्युत उपकेंद्र से जुड़े कृषकों के लिए उपलब्ध कराई गई बिजली चार दिन की चांदनी फ
प्रखंड के सकला विद्युत उपकेंद्र से जुड़े कृषकों के लिए उपलब्ध कराई गई बिजली चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात वाली कहावत चरितार्थ कर रही है। इस फीडर से जुड़े किसानों की मानें तो सिचाई सुविधा के लिए कनेक्शन तो ले लिया, लेकिन 33 हजार केवीए की जर्जर तार ही दागा दे गई। नतीजतन बनाने के चार दिन बाद से ही विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। जिसके चलते 22 गांवों की रबी फसल की सिचाई कार्य प्रभावित कर रहा है। इस उपकेंद्र में कार्यरत पांच कर्मी ड्यूटी के नाम पर वेतन उठा रहे हैं। वहीं खेतो की सिचाई डीजल पंप के सहारे ही रह गई है। कहते हैं किसान :
सकला निवासी किसान राजेंद्र पांडेय, सुशील कुमार पांडेय, कौपा निवासी गुड्डू पांडेय, मलपुरा निवासी मिथिलेश चौधरी, अजय चौधरी , रघुनाथपुर के नंदकिशोर सिंह, ढोढनडीह के मनोज तिवारी सहित अन्य ने बताया कि इस विद्युत उपकेंद्र से कुल 22 गांवों के करीब 70 किसान कनेक्शनधारी हैं। जून 2019 में इस उपकेंद्र का उद्घाटन हुआ। तब से कुछ दिनों तक विद्युत की आपूर्ति चल रही थी। जिसे देख किसानों ने कनेक्शन ले लिया। इधर करीब तीन माह पहले इस पावर फीडर को विद्युत उपलब्ध कराने वाली 33 हजार केवीए की जर्जर तार खराब हो गई। जिसके चलते इलाके की आपूर्ति विभाग द्वारा बंद कर दी गई है। अब खेतों में लगी गेहूं की फसल सूखने लगी है। विभाग से शिकायत करने पर जबाब मिलता है कि कंपनी ने ही जर्जर तार लगाया था। बिना तार बदले विद्युत की आपूर्ति होना संभव नहीं है। जबकि सिचाई का एकमात्र साधन राजवाहा पहले से ही जबाब दे चुकी हैं। कहते हैं जेई :
जेई श्रीकांत उपाध्याय ने बताया कि 33 हजार पावर सप्लाई का कार्य बजाज कंपनी द्वारा कराया गया था। जिसमें कुछ गड़बड़ी के चलते विद्युत आपूर्ति बंद है। कंपनी द्वारा सुधार कार्य कराया जा रहा है। सुधार होते ही आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।