आधी राह भी तय नहीं कर पाई धान अधिप्राप्ति की गाड़ी
धान अधिप्राप्ति में रोहतास जिला सूबे के 38 जिलों में से दूसरे पायदान पर चल रहा है। बंपर धान उत्प
धान अधिप्राप्ति में रोहतास जिला सूबे के 38 जिलों में से दूसरे पायदान पर चल रहा है। बंपर धान उत्पादक जिलों में शुमार जिले के अधिकारी इसे बेहतर मान रहे हैं। लेकिन किसानों की दयनीय हालत कुछ और ही स्थिति बयां कर रही है। क्योंकि जिला सूबे में इसलिए दूसरे नंबर पर नहीं है कि यहां बंपर धान की खरीद हुई है, बल्कि इसलिए है कि अन्य जिलों का प्रदर्शन इस मामले में और भी लचर है। हकीकत यह है कि अधिप्राप्ति शुरू होने के लगभग ढ़ाई महीने बाद भी अब तक दो लाख 20 हजार एमटी के विरूद्ध मात्र 29,735 एमटी धान की खरीद ही हो पाई है। जो लक्ष्य के लगभग 14 फीसद है। जबकि खरीद की अंतिम तिथि सरकार ने 31 मार्च तक ही तय की है। ऐसी स्थिति में शेष बचे लगभग दो डेढ़ माह से कम समय में एक लाख 90 हजार एमटी की खरीद पूरी करना विभाग के लिए चुनौती साबित हो रही है। सरकारी खरीदारी में कोताही से किसान खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष अधिप्राप्ति की चाल सुस्त है। हर वर्ष आती है समस्या :
धान उत्पादक किसान सरकारी व्यवस्था व अपनी किस्मत को कोस रहे हैं। उन्हें परेशानी इस बात से है कि हाड़तोड़ मेहनत के बाद भी उनके उत्पादन को कोई पूछ नहीं रहा है। रही सही कसर बेमौसम बारिश ने पूरी कर दी है। पानी लगने से सड़ चुका धान किसानों के लिए मुसीबत बन गया है। कभी इस जिले के अनाज से देश के कई राज्यों के चूल्हे जलते थे। लेकिन हालात बदले तो किसानों की समस्याएं भी बढ़ती गई। क्योंकि किसानों के लिए चलाई जाने वाली कई योजनाएं समय पर उन तक नहीं पहुंच पाती हैं। कहते हैं किसान :
सदर प्रखंड के डुमरियां निवासी किसान तुलसी सिंह, शिवकुमार सिंह, रामकुमार सिंह, सोनू सिंह, मदन पासवान, गोपाल चौरसिया, सनी बैठा आदि कहते हैं कि ऐ तरफ प्रकृति की मार से किसानों का धान खलीहान में ही अंकुरने लगा है, जिससे उसका खरीदार भी नहीं मिल रहा है। जबकि दूसरी तरफ कृषि विभाग ने सरकार को रिपोर्ट भेज दिया कि जिले में कोई क्षति नहीं हुई है। ऐसी स्थिति में किसान आखिर जाएं तो कहां जाएं। कहते हैं अधिकारी :
धान अधिप्राप्ति में तेजी को ले सभी पैक्स समितियों व बीसीओ को तत्परता से कार्य करने को कहा गया है। प्रयास है कि तय समय सीमा में लक्ष्य के अनुरूप दो लाख 20 हजार एमटी धान की अधिप्राप्ति हो जाए। परिणामस्वरूप अधिप्राप्ति में तेजी भी आई है। इसमें कोताही व गड़बड़ी के मामले सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी।
समरेश कुमार, डीसीओ
रोहतास जिले में प्रखंडवार धान अधिप्राप्ति एक नजर में
प्रखंड अधिप्राप्ति(एमटी में)
अकोढ़ीगोला 1330.800
बिक्रमगंज 842.200
चेनारी 1474.500
दावथ 957.100
डेहरी 492.260
दिनारा 4127.700
काराकाट 2552.100
करगहर 3771.300
कोचस 2698.000
नासरीगंज 1506.700
नौहट्टा 991.100
नोखा 1147.840
राजपुर 867.900
रोहतास 1298.000
संझौली 842.500
सासाराम 1560.520
शिवसागर 1784.040
सूर्यपुरा 565.900
तिलौथू 925.300
कुल 29735.760