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नहीं रूक रहा ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का इस्तेमाल

रोहतास। सरकार द्वारा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की बिक्री पर प्रतिबंध के बावजू

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 05:15 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 05:15 PM (IST)
नहीं रूक रहा ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का इस्तेमाल

रोहतास। सरकार द्वारा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की बिक्री पर प्रतिबंध के बावजूद इसका धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है। दूध बढ़ाने के लिए दुधारू पशुओं को इंजेक्शन के माध्यम से दिए जाने वाले इस दवा का स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही सब्जी उत्पादक भी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए सब्जी की फसलों पर इसका प्रयोग कर रहे हैं। जबकि फल, सब्जियों व दूध में प्रयोग होने वाली इस दवा के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। इस दवा का इस्तेमाल साइड इफेक्ट्स की चिता किए बिना बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। कम लागत में ज्यादा से ज्यादा कमाने के फेर में लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। गांवों में भी हो रहा प्रयोग :

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ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन अब गांवों में भी आसानी से उपलब्ध होने लगा है। वह चाहे दूध विक्रेता हो या सब्जी उत्पादक किसान उनके लिए इसे खरीदना सरल हो गया है। चिताजनक बात यह है कि कई पशुपालक और दूध बेचने वाले दुधारू पशुओं से ज्यादा दूध लेने के लिए उन्हें ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन लगा रहे हैं। इसके प्रभाव से उस पशु ने अधिक दूध दे दिया, लेकिन इसके सेवन से कई प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी विकार पैदा हो जाते हैं। इतना ही नहीं पशुओं के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। बढ़ जाती है सब्जी की चमक व आकार :

ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल सिर्फ दूध उत्पादक ही नहीं, बल्कि व्यावसायिक खेती करने वाले किसानों ने भी करना शुरू कर दिया है। इस इंजेक्शन को लगाने से सब्जियों का आकार व उसकी चमक बढ़ जाती है। इस आकार से सब्जी विक्रेता को मोटा मुनाफा मिलता है। उसके पास आने वाला हर ग्राहक पहले चमकदार और आकार में बड़ी सब्जी ही उठाता है। वह नहीं जानता कि सब्जी नहीं, वह जहर खरीदकर ले जा रहा है। स्वास्थ्य के लिए है घातक :

विशेषज्ञों के अनुसार पशुओं को ऑक्सीटोसिन देकर निकाला जाने वाला दूध किसी जहर से कम नहीं है। इस इंजेक्शन के इस्तेमाल से दूध पूरी तरह सुरक्षित नहीं रह जाता। इसके सेवन से शरीर का अंग प्रभावित होता है। लड़कियों की उम्र से पहले वयस्क होना, महिलाओं में गर्भपात का खतरा, बच्चों में ²ष्टि दोष आदि की संभावना बढ़ जाती है। कहते हैं उपाधीक्षक:

ऑक्सीटोसिन एक हार्मोन है, जो स्तनधारी जीवों में पाया जाता है। इसके इस्तेमाल से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हो सकती है। इसका दुरुपयोग भी होने लगा था, इसलिए इसे प्रतिबंधित कर दिया गया है। अब इसे गर्भवती महिलाओं के प्रसव काल में भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। उसकी जगह पर दूसरी दवा दी जा रही है। ऑक्सीटोसिन की खरीद-बिक्री करने वाले लोगों पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. केएन तिवारी,

उपाधीक्षक- सदर अस्पताल, सासाराम


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