सत्याग्रह केंद्रों पर चौकीदारों की नहीं दिख रही उपस्थिति
जिले के सभी सत्याग्रह केंद्रों पर शनिवार को सत्याग्रह अदालत लगाई गई।
रोहतास। जिले के सभी सत्याग्रह केंद्रों पर शनिवार को सत्याग्रह अदालत लगाई गई। जिसमें मुख्य रूप से मुख्यमंत्री की समीक्षा यात्रा व मानव श्रृंखला पर चर्चा हुई। चौकीदारों की उपस्थिति नहीं रहने से अधिकांश सत्याग्रह अदालत में खुले में शौच व शराबियों से जुड़े मामले की सुनवाई नहीं की जा सकी । सिर्फ शराबबंदी, बाल विवाह व दहेज विरोधी अभियान पर चर्चा करने तक ही सीमित रही। अधिकारियों द्वारा लोगों को खुले में शौच, बाल विवाह, दहेज व शराब समेत तमाम सामाजिक बुराइयों से अलग रहने का सुझाव दिया गया। आज की अदालती कार्यवाही पर ठंड का प्रभाव भी दिखा। मौसम खराब रहने की वजह से फरियादी कम जुटे।
सदर प्रखंड के समरडीहां, मोकर, आकाशी, करूप, रामपुर, गंसाडीह, नहौना, करवंदिया, अमरी, धनकढ़ा, धौदाड़, भदोखरा, सिकरियां, करसेरूआं, दरिगांव, बेलाढ़ी, मुरादाबाद, उचितपुर, महद्दीगंज पंचायत में सत्याग्रह केंद्रों पर आयोजित सत्याग्रह अदालत में उपस्थित नोडल अधिकारियों व पीठ द्वारा सुनवाई की गई। प्रखंड के सिकरियां स्थित सत्याग्रह अदालत में बीईओ भीम ¨सह ने बताया कि 13 जनवरी को कैमूर पहाड़ी पर अवस्थित रेहल गांव में मुख्यमंत्री की प्रस्तावित समीक्षा यात्रा में कम से कम सौ सत्याग्रहियों को शामिल होने का निर्देश दिया गया। साथ ही 21 जनवरी को बाल विवाह व दहेज के खिलाफ बनने वाली मानव श्रृंखला में अधिक से अधिक सहभागिता सुनिश्चित करने को भी कहा गया। नोडल अधिकारी की माने तो सत्याग्रह अदालत में पंचायत से जुड़े चौकीदारों की उपस्थिति नगण्य रही। अदालती कार्यवाही में सरपंच बबीता देवी, मुखिया माला देवी, उपसरपंच ललिता देवी, सीआरसीसी शीला, दिनेश ¨सह, बद्रीनारायण शर्मा, श्यामसुंदर, विश्वनाथ, अरुण, महेंद्र कहार, रिकी, विपिन के अलावा बाल संसद, मीना मंच, प्रेरक जीविका कर्मी समेत अन्य शामिल हुए।
गौरतलब है कि शराबबंदी, खुले में शौचमुक्त के अलावा दहेज व बाल विवाह के खिलाफ चले अभियान को अधिक प्रभावी बनाने के लिए पिछले दिनों चौकीदारों-दफादारों की हुई जिला स्तरीय बैठक में अधिकारियों ने प्रत्येक शनिवार को पंचायत के सत्याग्रह केंद्रों पर लगने वाली सत्याग्रह अदालत में खुले में शौच, शराब का उत्पादन व उसका सेवन करने वालों की सूची के साथ चौकीदारों को अनिवार्य रूप से उपस्थित होने का सख्त निर्देश दिया था। अदालती कार्यवाही के वक्त उपस्थित नहीं होने वाले चौकीदारों पर आदेश उल्लंघन मानते हुए उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने की भी बात अधिकारियों ने कही थी। लेकिन अधिकारियों के फरमान का असर चौकीदारों पर नहीं दिख रहा है। जबकि लगभग ढ़ाई माह पूर्व जिले के कच्छवां थाना के दनवार में जहरीली शराब पीने से चार ग्रामीणों की हुई मौत मामले में वहां के दो चौकीदार को डीएम अनिमेष कुमार पराशर ने तीन दिन पहले सेवामुक्त भी किया है।