न कोर्ट-कचहरी का झंझट, न थाने का पचड़ा, पंच परमेश्वर ने सुलझाया भाइयों का मसला-जानें क्या है मामला
कोरोना की वजह से स्थगित ग्राम कचहरी की कार्यवाही एक बार फिर शुरू हो गई है। लगभग आठ माह बाद सदर प्रखंड के सिकरियां ग्राम पंचायत की कचहरी में रविवार को आधा दर्जन मामलों की सुनवाई हुई। जिसमें से भूमि विवाद से जुड़े एक मामला का निष्पादन किया गया।
रोहतास, जेएनएन। डेढ़ दशक पूर्व अस्तित्व में आई ग्राम कचहरी (पंच परमेश्वर) अब तक भले ही संसाधन संपन्न न हो पाई हो, लेकिन उससे जुड़े लोग अपने फर्ज को निभाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यहां तक कि जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी ग्राम कचहरी में अब साप्ताहिक अदालत लगा मुकदमों की सुनवाई हो रही है। इस अदालत का अंदाज भी अलग देखने को मिलता है। कोरोना की वजह से स्थगित ग्राम कचहरी की कार्यवाही एक बार फिर शुरू हो गई है। लगभग आठ माह बाद सदर प्रखंड के सिकरियां ग्राम पंचायत की कचहरी में रविवार को आधा दर्जन मामलों की सुनवाई हुई। जिसमें से भूमि विवाद से जुड़े एक मामला का निष्पादन किया गया।
आधा दर्जन मामलों की सुनवाई की गई
उपसरपंच ललिता देवी की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच सुलह समझौता करना विवाद को समाप्त कराया गया। जिसमें न्याय मित्र धर्मदेव पासवान, सचिव गुरुनंद पासवान, पंच बेबी देवी, उर्मिला देवी, संतोष राम, दिनेश सिंह महेंद्र प्रसाद व मंटु चंद्रवंशी मौजूद थे। न्याय मित्र की मानें तो रविवार को आधा दर्जन मामलों की सुनवाई की गई। जिसमें मलांव गांव के रहने वाले अवधेश यादव व विनोद यादव के बीच भूमि विवाद को सुलह समझौता के आधार पर निष्पादित किया गया। फरियादियों के लिए भी अब यह अदालत सस्ता व सुलभ साबित हो रहा है। न कोर्ट-कचहरी का झंझट, न थाने का पचड़ा। ग्राम कचहरी के माध्यम से न्यायपीठ द्वारा सुलह-समझौते के जरिए सुनाए जा रहे फैसले भी पीड़ित पक्षकारों को मान्य हो रहे हैं।
पगड़ी में ही पंच परमेश्वर
ग्राम कचहरी की शुरू हुई कार्यवाही के बाद गांवों में अब फिर पंच परमेश्वर का सपना साकार होने लगा है। कहीं टेबल कुर्सी सजा ग्राम कचहरी की न्यायपीठ मुकदमों की सुनवाई कर रही है, तो कहीं जमीन पर बैठ व न्यायकर्ता सिर पर पगड़ी पहन न्याय देने का कार्य कर रहे हैं। बहरहाल उनके लिए पगड़ी में ही पंच परमेश्वर वास करते हैं।