पीजीआरओ ने वापस दिलाई खाते से गायब राशि
रोहतास। लोक शिकायत निवारण अधिनियम अब आम लोगों का हथियार साबित होने लगा है। न्याय के लिए
रोहतास। लोक शिकायत निवारण अधिनियम अब आम लोगों का हथियार साबित होने लगा है। न्याय के लिए दर-दर भटकने वालों को त्वरित व उचित न्याय मिलने से लोगों का भरोसा भी बढ़ रहा है। ऐसे ही एक मामले में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता ऋषिदेव झा ने लगभग ढाई महीने की सुनवाई के बाद पीड़िता को उसके खाते से दूसरे व्यक्ति द्वारा निकाले गए 60 हजार रुपये वापस दिलाया है।
क्या है मामला :
शहर के फजलगंज निवासी त्रिलोक तिवारी ने गत 14 जुलाई को जिला लोक शिकायत पदाधिकारी को आवेदन दे न्याय की गुहार लगाई थी कि एसबीआई सासाराम के प्रबंधक की मिलीभगत से उनकी पत्नी गीता देवी के अकाउंट से फर्जी तरीके से 60 हजार रुपये निकाल लिया गया है। जिसकी शिकायत करने पर बैंक में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसे ले स्थानीय नगर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है, लेकिन पुलिस इसमें दिलचस्पी नहीं ले रही है।
कैसे हुई गड़बड़ी :
लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा की गई सुनवाई के क्रम में यह बात प्रकाश में आई कि 29 दिसंबर 14 को गीता देवी पति त्रिलोक तिवारी द्वारा एसबीआई सासाराम में खाता संख्या 4543663151 व एक अन्य गीता देवी पति नागेंद्र पांडेय द्वारा 17 दिसंबर 14 को खाता संख्या 34508425721 खोला गया, पर बैंक कर्मियों के भूलवश दोनों को एक ही खाता संख्या का पासबुक जारी कर दिया गया। इस प्रकार दोनों गीता देवी का खाता संख्या व पासबुक एक ही हो जाने के कारण दोनों उसी खाता में पैसा डालने व निकालने लगी। परिवादिनी द्वारा अपने खाता में 60 हजार रुपये जमा किया गया, जिसकी निकासी दूसरी गीता देवी ने कर खाता का संचालन भी बंद कर दिया। इसकी सूचना उसने बैंक को भी नहीं दी कि उसके खाता में यह पैसा कहां से आया। मामले की जांच पूरी होने के बाद पीजीआरओ ने बैंक के मुख्य प्रबंधक को आदेश दिया है कि गीता देवी के खाते से निकाली गई राशि 60 हजार सूद सहित वापस किया जाए।
निर्णय पर जताई खुशी :
मामले को ले कभी बैंक तो कभी पुलिस के पास दौड़ती रही। लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। लग रहा था अब मेरा पैसा डूब जाएगा। एक अंतिम उम्मीद समझकर जिला लोक शिकायत निवारण केंद्र में गुहार लगाई थी। विश्वास नहीं हो रहा था कि यहां भी इतनी जल्दी सुनवाई होगी। लेकिन पीजीआरओ साहब के निर्णय के बाद मेरा डूबा हुआ रुपया मिलने से काफी खुशी हुई है।
गीता देवी, परिवादी
कहते हैं पीजीआरओ :
जांच के बाद मामले में बैंक की लापरवाही सामने आई है। परिवादिनी को हुई परेशानी व मामले की गंभीरता को देखते हुए बैंक प्रबंधक को उसका 60 हजार रुपये सूद के साथ वापस लौटाने को कहा गया है।
ऋषिदेव झा, अपर समाहर्ता सह
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी।