कोरोना संक्रमण बढ़ते ही लौटने लगे प्रवासी, बिना जांच कराए ही पहुंच जा रहे घर
तेजी से बढ़ रहे।कोरोना संक्रमण के कारण दूसरे राज्यों में रहने वाले लोग अब अपने घरों को लौटने लगे हैं। बसों और ट्रेनों से यहां पहुंच रहे लोग बिना जांच कराए ही अपने गांव चले जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, सासाराम : तेजी से बढ़ रहे।कोरोना संक्रमण के कारण दूसरे राज्यों में रहने वाले लोग अब अपने घरों को लौटने लगे हैं। बसों और ट्रेनों से यहां पहुंच रहे लोग बिना जांच कराए ही अपने गांव चले जा रहे हैं।
स्थानीय पोस्ट ऑफिस मोड़ पर पहुंचे नोखा निवासी विजय कुमार, सुदामा प्रसाद, संतोष कुमार गुजरात के सूरत की एक फैक्ट्री में नौकरी करते हैं।बताते हैं कि पिछले साल लॉक डाउन के दौरान उन्हें वहां से पैदल ही घर आना पड़ा था।दुबारा जब स्थिति कुछ सामान्य होने के बाद काम पर लौट तो फिर से कोरोना का कहर जारी हो गया। पिछली बार की तरह समस्या में पड़ने से बेहतर घर पहुंचना ही ठीक समझा।
उनके साथ पहुंचे कई अन्य लोगों ने भी कहा कि बीते वर्ष लॉकडाउन के दौरान घर पहुंचने के लिए बहुत कष्ट सहे हैं। इस बार उन्हें उस भयावह स्थिति से न गुजरना पड़े। इसलिए वह पहले से ही अपने पत्नी व बच्चों के साथ घर लैट रहे हैं। घरों का भाड़ा ना देना पड़े इसलिए वह मकान छोड़कर सारा सामान साथ लेकर ही आ रहे हैं। मॉनिटरिग नहीं होने से बढ़ सकता है खतरा:
हर रोज ट्रेनों और बसों से प्रवासी अपने घर वापस लौट रहे हैं।ऐसे में लोगों के कोरोना संदिग्ध होने की संभावना अधिक रहती है।इन सब के बीच कुछ ही लोग संक्रमण जांच के लिए जांच केंद्रों पर पहुंच रहे हैं।इनमें से अधिकांश लोग गाड़ियों से उतर सीधे अपने घर चले जा रहे हैं।ऐसे में परिवार के सदस्यों के बीच भी संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। प्रवासियों के वापसी को ले जांच का दायरा बढ़ा तो पॉजिटिव मरीजों की संख्या में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है। कहते हैं सिविल सर्जन :
लोगों को सख्ती से गाइडलाइन पालन करने की सलाह दी जा रही है। बिना मास्क घर से बाहर नहीं निकलें। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद होम आइसोलेट रहकर परिवार से भी दूरी बनाकर रहना जरूरी है।समय समय पर उनकी जांच डॉक्टरों की टीम द्वारा की जाती है।संक्रमित व्यक्ति के बाहर घूमते पाए जाने पर करवाई की जाएगी।
डॉ सुधीर कुमार, सिविल सर्जन रोहतास