अब सभी दवा दुकानों पर बिकेगी जेनेरिक दवाइयां
अब जिले के सभी खुदरा दवा दुकानों पर जेनरिक दवाइयां उपलब्ध होंगी। इसके लिए दुकानों में अलग रेक भी बनाया जाएगा। जिससे मरीजों को काफी कम कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवा उपलब्ध हो सके। राज्य औषधि नियंत्रक के निर्देश पर इसकी कवायद यहां शुरू हो गई है।
रोहतास। अब जिले के सभी खुदरा दवा दुकानों पर जेनरिक दवाइयां उपलब्ध होंगी। इसके लिए दुकानों में अलग रेक भी बनाया जाएगा। जिससे मरीजों को काफी कम कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवा उपलब्ध हो सके। राज्य औषधि नियंत्रक के निर्देश पर इसकी कवायद यहां शुरू हो गई है। जेनरिक दवा नहीं रखने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई भी की जाएगी।
जेनरिक दवाओं को बढ़ावा देने के लिए गत चार वर्षों से चल रहे अभियान को और गति प्रदान करने के लिए हाल ही में देश के औषधि महानियंत्रक ने इसके लिए आवश्यक निर्देश दिया था। जिसके बाद राज्य के सभी जिलों में यह व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रही है। क्या हैं जेनेरिक दवाएं :
जेनेरिक दवा की कंपोजिशन ओरिजिनल दवाओं के समान होती है। साथ ही ये दवाएं विश्व स्वास्थ्य संगठन की एसेंशियल ड्रग लिस्ट के मानदंडों के अनुरूप होती हैं। इन दवाओं की कंपोजिशन, इनकी उपयोगिता और इनका फायदा- सब कुछ ब्रांडेड दवाओं के समान ही होता है। लेकिन इनकी कीमत ब्रांडेड दवाओं की अपेक्षा बहुत ही कम होती है। इस लिए कम होती हैं कीमतें :
जिस लाइसेंस के तहत विश्व भर में दवाएं बनती हैं, उसमें इनकी कीमतों पर नियंत्रण रखने का प्रावधान है। जेनरिक दवाएं केवल फॉर्मूलेशन के आधार पर बनाई जाती हैं । इसके लिए अलग से शोध कार्य नहीं होता, जिससे इनकी कीमतों को कम रखा जाता है। जबकि ब्रांडेड या मौलिक दवा को बनाने में कई सालों तक शोध चलता है। उसपर खर्च भी ज्यादा आता है, जिससे ब्रांडेड दवाओं की कीमत अधिक होती हैं। जबकि जेनेरिक दवाओं पर केवल निर्माण का ही खर्च होता है।
कहते हैं अधिकारी :
जेनरिक दवाओं को बढ़ावा देने के लिए देश स्तर पर काम चल रहा है। राज्य औषधि नियंत्रक र¨वद्र ¨सहा ने भी सभी खुदरा दवा दुकानों में जेनरिक दवा की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। जिसके आलोक में सभी दुकानों में जेनरिक दवा का रेक सुनिश्चित कराया जाएगा। अवहेलना करने वालों पर ठोस कार्रवाई की जाएगी।
अनिल कुमार, सहायक औषधि नियंत्रक, रोहतास।