पल-पल बदलते मौसम से वायरल बीमारियों चपेट में आ रहे लोग
पल-पल बदलते मौसम से चलते ग्रामीण क्षेत्रों में वायरल फीवर का संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है। कभी तेज धूप व उमस भरी गर्मी तो कभी ठंड व बारिश के चलते सरकारी व निजी अस्पतालों में अधिकांश मरीज हाई फीवर सर्दी व कफ से संक्रमित होकर पहुंच रहे हैं।
संवाद सहयोगी, डेहरी आनसोन : रोहतास। पल-पल बदलते मौसम से चलते ग्रामीण क्षेत्रों में वायरल फीवर का संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है। कभी तेज धूप व उमस भरी गर्मी तो कभी ठंड व बारिश के चलते सरकारी व निजी अस्पतालों में अधिकांश मरीज हाई फीवर, सर्दी व कफ से संक्रमित होकर पहुंच रहे हैं। कोरोना से मिलते जुलते लक्षणों के कारण मरीजों व उनके परिजनों में भय व्याप्त है। अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों में 60 फीसद मरीज वायरल फीवर से संक्रमित है।
शंकर अस्पताल के निदेशक डा. जयप्रकाश सिंह के अनुसार बदलते मौसम के चलते पांच से सात दिनों तक वायरल फीवर का प्रभाव रहता है। इसे देखते हुए मरीजों को उतने ही दिनों की दवा दी जा रही है। हालांकि कई मरीज तो ऐसे हैं, जिन्हें एक सप्ताह बाद भी बुखार आ रहा है। कोरोना जैसे लक्षणों के साथ फीवर और कमजोरी लंबे समय तक रहने से कई मरीज और स्वजन दो-दो बार कोरोना जांच करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वायरल फीवर अमुमन पांच से सात दिन में ठीक हो जाता है, लेकिन जिन मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उन्हें ठीक होने में सात से आठ दिन भी लग सकता है। मरीजों की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव हो तो उन्हें घबराना नहीं चाहिए। आठ दिन बाद भी मरीज ठीक नहीं होता है, तो कुछ अन्य जांच कराने की जरूरत पड़ सकती है। पोस्ट कोविड मरीज भी वायरल फीवर से संक्रमित :
कोरोना से संक्रमित हो चुके लोग भी बड़ी संख्या में वायरल संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। जांच निगेटिव आने के बाद भी कोरोना को लेकर वे आशंकित हैं। चिकित्सक के अनुसार वायरल फीवर के बाद टायफाइड हो जा रहा है। ऐसे मरीजों को ठीक होने में करीब 15 दिन का समय लग रहा है।