आठवीं कक्षा में आठ हजार से अधिक फर्जी नामांकन
रोहतास। जिले के सरकारी विद्यालयों में एक बार फिर छात्रों की फर्जी नामांकन का मामला प्रकाश्
रोहतास। जिले के सरकारी विद्यालयों में एक बार फिर छात्रों की फर्जी नामांकन का मामला प्रकाश में आया है। यह खुलासा 29 व 30 मार्च को संपन्न हुई आठवीं की वार्षिक मूल्यांकन से हुई है। नामांकित 64 हजार से अधिक छात्रों में से 56 हजार ही छात्र परीक्षा में शामिल हो सके हैं। अन्य छात्र- छात्रा किसी न किसी कारण से परीक्षा से दूर रहे हैं। जबकि इन छात्रों को एमडीएम, छात्रवृत्ति, पोशाक व अन्य योजनाओं का लाभ विद्यालय प्रबंधन व विभाग देने का भी कार्य किया है। यह फर्जी नामांकन सिर्फ आठवीं की ही नहीं बल्कि सही तरीके से आंकलन की जाए तो सभी कक्षाओं में इसकी लंबी फेहरिस्त है। जिसके बदौलत विद्यालय प्रबंधन द्वारा विभिन्न योजना मद में प्राप्त राशि में प्रत्येक वर्ष ला़खों का वारा न्यारा किया जाता रहा है।
नामांकन से कम छात्रों के वार्षिक मूल्यांकन में शामिल होने से विभागीय अधिकारी भी सकते आ गए हैं। वे इसका कारण ढुढ़ने में
जुट गए हैं। सासाराम में 5532 में से 4707 व शिवसागर में 4804 में से 3805 छात्र ही मूल्यांकन परीक्षा में शामिल हुए हैं। कमोबेश यही स्थिति अन्य प्रखंडों की भी है। जहां नामांकन से कम छात्रा- छात्रा मूल्यांकन परीक्षा में शामिल हुए हैं।
सासाराम के बीईओ भीम ¨सह की मानें तो सासाराम प्रखंड क्षेत्र के विद्यालयों में आठवीं कक्षा में 5532 छात्रों का नामांकन था। जिसमें से लगभग 4700 ही परीक्षा में शामिल हो सके। पूछताछ के दौरान किसी छात्र को मामा के यहां तो किसी के दूसरे जगह चले जाने के कारण परीक्षा में शामिल नहीं होने की बात हेडमास्टरों द्वारा बताई गई। जिसे गंभीरता से लिया गया है। वस्तुस्थिति से वरीय अधिकारी को अवगत करा दिया गया है।
ज्ञातव्य हो कि तीन वर्ष पूर्व प्रधान सचिव के निर्देश पर सरकारी विद्यालयों में नामांकित फर्जी छात्रों को चिन्हित कर उसे हटाने का कार्य किया गया था। इस दौरान 50 हजार से अधिक फर्जी नाम स्कूलों से हटाए गए थे। लेकिन कुछ ही दिन बाद प्रधानाध्यापकों की कृपा से ये फर्जी नाम रजिस्टर में जुट गए।
कहते हैं डीएम:
फर्जी नामांकन गंभीर मामला है। इसकी जांच करा दोषी अधिकारियों व शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी। ताकि विद्यालयों में छात्रों के कल्याण के लिए संचालित योजना का बंदरबांट न हो सके।
अनिमेष कुमार पराशर, डीएम