आज आएंगे जीएम, रेल कारखाना खुलने के बढ़े आसार
रोहतास। डालमियानगर में प्रस्तावित रेल कारखाना का पूर्व मध्य रेलवे के प्रभारी जीएम राकेश मिश्
रोहतास। डालमियानगर में प्रस्तावित रेल कारखाना का पूर्व मध्य रेलवे के प्रभारी जीएम राकेश मिश्र मंगलवार को निरीक्षण करेंगे। लगातार रेल अधिकारियों के हो रहे दौरे से डालमियानगर में आठ वर्ष पूर्व प्रस्तावित रेल कारखाना खुलने के आसार बढ़ गए हैं। वहीं फ्रेट कारिडोर के कार्यों की भी समीक्षा जीएम द्वारा की जाएगी। उनके आगमन को ले स्थानीय रेलवे स्टेशन पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
अधिकारियों के अनुसार यहां रेल कारखाना खोलने को ले राइट्स ने मास्टर प्लान तैयार किया है। मास्टर प्लान के अनुसार 220 एकड़ जमीन में ही 32.5 टन क्षमता के रेल बोगी काप्लर व बैगन बोगी कारखाना खोलने का प्रस्ताव है। उसी जमीन
पर अधिकारी व कर्मियों के लिए आवास निर्माण की भी योजना है। राइट्स के अधिकारियों ने मास्टर प्लान को अंतिम रूप दे दिया है। अबतक यहां रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के अलावे पूर्व जीएम एके मित्तल भी दो बार दौरा कर चुके हैं। स्टेशन प्रबंधक आशिम कुमार ने जीएम के मंगलवार को यहां आगमन की पुष्टि की है। तय कार्यक्रम के अनुसार वे फ्रेट कारीडोर के निर्माण कार्य की प्रगति की भी समीक्षा करेंगे। अपने एक घंटे के समीक्षा कार्यक्रम के बाद वे नवीनगर स्टेशन के निरीक्षण के लिए प्रस्थान करेंगे।
एक दशक से है रेल कारखाना का इंतजार :
लगभग तीन दशक से बंद पड़े रोहतास उद्योग समूह की भूमि पर स्थानीय लोगों को एक दशक से रेल कारखाना खुलने का इंतजार है। 1984 में डालमियानगर कारखाना के बंद होने के बाद कभी देश के औद्योगिक नक्शे पर अपनी पहचान बनाने वाला डालमियानगर वीरान हो गया था। रोहतास उद्योग समूह के बंद होने के साथ ही यहां के कई अन्य लघु उद्योग भी बंदी की भेंट चढ़ गए थे। लेकिन जब वर्ष 2006 में रेलवे ने परिसमापन में चल रहे इस उद्योग समूह को क्रय किया तो लोगों की अपेक्षाएं एकबार फिर कुलांचें मारने लगी। लगा कि डालमियानगर के दिन पुन: बहुरने वाले हैं। लेकिन देरी होने से असंतोष बढ़ने लगा। अब जीएम के दौरे को ले लोगों की आस एकबार फिर जग गई है।
डालमियानगर रेल कारखाना : अबतक का सफर
- 2006 में रेलवे ने परिसमापन में चल रहे रोहतास उद्योग समूह के 220 एकड़ क्षेत्र में फैले कारखाना परिसर को 120 करोड़ में क्रय किया था।
- 2008 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने यहां रेल बैगन व काप्लर कारखाना की आधारशिला रखी। पब्लिक प्राइवेट पार्ट्नरशिप पीपीपी मोड में राईट ने यहां रेल कारखाना हेतु टेंडर निकाली। लेकिन यूपीए 2 कि सरकार में यह योजना ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
- मई 2014 में केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद स्थानीय सांसद व केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने यहां रेल कारखाना लगाने हेतु पहल प्रारंभ की। पीएम व रेल मंत्री से मिल यहां स्वीकृत रेल कारखाना लगाने की मांग की। जिसके बाद रेल मंत्रालय ने ने भी कवायद शुरू की। रेलवे बोर्ड के मेम्बर आफ मेकेनिकल व ईसीआर के जीएम एके मित्तल ने भी निरीक्षण किया। गत 28 फरवरी को राइट्स की टीम ने इस कारखाना परिसर का जायजा लिया था।
- निरीक्षण के पश्चात राइटस ने यहां रेल कारखाना लगाने हेतु मास्टर प्लान रेलवे बोर्ड को सौंप दिया। प्लान के अनुसार इस 220 एकड़ भूखंड पर 32.5 टन क्षमता के हाई एक्सल बोगी, काप्लर, रेल बैगन रेप¨रग कारखाना समेत रेलकर्मियो के आवासीय परिसर आदि बनाने की योजना है।