तिलई गांव में गहराने लगा पेयजल संकट, डीएम से लगाई गुहार
प्रखंड के तिलई गांव में पेयजल संकट गहराने लगा है। पानी का लेयर काफी नीचे चले जाने के का
प्रखंड के तिलई गांव में पेयजल संकट गहराने लगा है। पानी का लेयर काफी नीचे चले जाने के कारण यहां लगाए गए 80 फीसद चापाकल बेकार हो गए हैं। गांव के करीब सौ एकड़ खेतों में पीपरमेंट की खेती की गई है। जिसके चलते गर्मी के इस मौसम में काफी जल पटवन में इस्तेमाल होने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। पीने के पानी को ले यहां त्राहिमाम मच गया है। कुछ बचे चापाकलों पर पानी लेने के लिए अहले सुबह से ही लोगों की कतार लग जा रही है। तालाब समेत अन्य जलस्त्रोत सूख जाने से सबसे बड़ी समस्या पशुओं के पानी पीने एवं उन्हें नहलाने के लिए उत्पन्न हो गई है। अब तो सिर्फ तिलई ही नहीं धीरे -धीरे प्रखंड के कई गांव में जल संकट उत्पन्न होता जा रहा है। धर्मपुरा, मुजराढ ,गम्हरिया ,सोतवा ,मठिया ,कृष्णपुर समेत कई अन्य गांव भी जल संकट से जूझ रहे हैं। पानी का संकट अब पीपरमेंट की खेती को ले लोगों सोचने पर मजबूर कर दिया है। तिलई निवासी जदयू सहकारिता प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन को जल संकट से अवगत कराया गया है, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। उन्होंने बताया कि सरकार की महत्वाकांक्षी नल जल योजना तिलई गांव में पूरी तरह फ्लाप है। इसकी सूचना भी बीडीओ को दे दी गई है। गांव के किसान रामलाल कहार ,शेषनाथ शर्मा ,सुदामा साह ,श्रीभगवान कहार, प्रेमचंद साह आदि ने बताया कि पास के चापाकल बेकार हो जाने से महिलाओं को खाना बनाने व बच्चो को नहलाने के लिए पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। यहां के ग्रामीणों ने डीएम को त्राहिमाम संदेश भेज कर जल संकट से निजात की गुहार लगाई है।