रेल कारखाना निर्माण में डीएफसीसी की आपत्तियों को जल्द किया जाएगा दूर
डालमियानगर में प्रस्तावित रेल बैगन मरम्मत कारखाना के खुलने में डीएफसीसी के आपत्तियों को जल्द दूर किया जाएगा। इस बहुप्रतीक्षिक्ष् रेल कारखाना को ले यहां के लोग कई दशक से इंतजार कर रहे हैं। डीआरएम के निरीक्षण से रेल बैगन मरम्मत कारखाना लगने की आस एकबार फिर जग गई है।
डेहरी आन-सोन (रोहतास) । डालमियानगर में प्रस्तावित रेल बैगन मरम्मत कारखाना के खुलने में डीएफसीसी के आपत्तियों को जल्द दूर किया जाएगा। इस बहुप्रतीक्षिक्ष् रेल कारखाना को ले यहां के लोग कई दशक से इंतजार कर रहे हैं। डीआरएम के निरीक्षण से रेल बैगन मरम्मत कारखाना लगने की आस एकबार फिर जग गई है।
डीडीयू रेल मंडल के डीआरएम राजेश कुमार पांडेय डालमियानगर में प्रस्तावित रेल बैगन मरम्मत कारखाना स्थल का निरीक्षण करने के लिए अचानक सोमवार को यहां पहुंचे। उन्होंने मंडल के वरीय अधिकारियो के साथ डीएफसीसी की आपतियों पर चर्चा की। कारखाना परिसर के अंदर किस मार्ग से रेलवे ट्रैक ले जाया जाए, ताकि डीएफसीसी के परिचालन में कोई बाधा उत्पन्न न हो, इसपर विचार किया गया। डीएफसीसी के अधिकारियो के साथ संयुक्त तौर पर निरीक्षण करने पर सहमति बनी। डीआरएम ने कहा कि जल्द से जल्द बाधा दूर कर इसकी जानकारी ईसीआर मुख्यालय को दी जाएगी, ताकि प्रस्तावित रेल कारखाना का बजटीय प्रविधान किया जा सके। गौरतलब है कि गत वर्ष रेलमंत्री ने स्थानीय सांसद महाबली सिंह को सदन में डालमियानगर में प्रस्तावित रेल बैगन मरम्मत कारखाना के पास से डीएफसीसी के गुजरने के कारण उसे प्रासंगिक नही होना बताया था। तब से यहां के लोगों में डालमियानगर रेल कारखाना का मामला ठंडे बस्ते में चले जाने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन डीआरएम के निरीक्षण से यहां के लोगों में फिर से रेल कारखाना लगने की उम्मीद जगी है। डालमियानगर स्थित रोहतास उद्योग समूह में नौ जुलाई 1984 को तालाबंदी के बाद से यहां के निवासी इस शहर के आबाद होने का इंतजार कर रहे है। कभी एशिया के बड़े औद्योगिक परिसर में शुमार रोहतास उद्योग के दिवालिया होने के बाद इसे सरकार ने लिक्विडेशन में डाल दिया। इसके बाद 2007 में रेलवे ने 219 एकड़ जमीन में फैले इस उद्योग परिसर को क्रय कर लिया। 2009 में तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने यहां हाई एक्सेल रेल बैगन निर्माण व कैप्लर कारखाना की आधारशिला भी रख दी, लेकिन सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। 23 जून 2017 को रेल मंत्रालय ने यहां रोहतास उद्योग के कबाड़ को बेचने व यहां रेल बैगन मरम्मत कारखाना लगाने के लिए डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी रेलवे की एक एक इकाई को दी।