गवाही से मुकरने पर कोर्ट ने दिया कार्रवाई का आदेश
नौ साल पूर्व मुफस्सिल थाना क्षेत्र में हत्या से जुड़े एक मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए एडी
नौ साल पूर्व मुफस्सिल थाना क्षेत्र में हत्या से जुड़े एक मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए एडीजे अठारह रविरंजन की अदालत ने चश्मदीद नाबालिग गवाह के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश एसपी के माध्यम से दिया गया है। जिसमें गवाह बनी किशोरी अब बालिग हो गई है तथा वह गवाही देने से मुकर गई है। उसपर कार्रवाई भारतीय दंड संहिता की धारा 193 के तहत होगी।
बताया जाता है कि 19 अक्तूबर 2011 को नोखा थाना क्षेत्र के नोखा बाजार स्थित एक झोला छाप डॉक्टर अब्बास अंसारी के यहां घटी थी। जिसमें एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना को भी अंजाम दिया गया था। उसके बाद उसकी गला दबा हत्या कर दी गई थी। उस समय चश्मदीद गवाह के रूप में एक 16 वर्षीया किशोरी थी। जिसके बयान पर ही अभियुक्तों को सजा सुनाई जानी है। बताया जाता है कि मुख्य अभियुक्त नोखा निवासी सुरेन्द्र राय के बुलाने पर नोखा स्थित अब्बास अंसारी के क्लीनिक में दो सहेली जो नाबालिग थी वहां गई। जहां एक किशोरी को सुरेंद्र व अब्बास ने दुष्कर्म कर उसकी गला काटकर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद अभियुक्तों ने दूसरी किशोरी को घटना के बारे में किसी से जिक्र करने पर जान से मारने की धमकी देते हुए उसे उसके घर के बाहर तक छोड़ दिया गया। शव को सासाराम मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के अदमापुर गांव स्थित रेलवे लाईन के पास फेंक दिया था। घटना के दूसरे दिन लड़की की सिरकटी लाश को ग्रामीणों के देखने पर वहां के चौकीदार के लिखित बयान पर अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी। पुलिस के अनुसंधान के क्रम में शव की पहचान उसके माता पिता ने की थी। जिसके बाद किशोरी को तत्कालीन मजिस्ट्रेट एसपी मौर्या के कोर्ट में बयान दर्ज हुआ था। जब कोर्ट में ट्रायल के दौरान गवाही की प्रकिया शुरू हुई तो मृतका के माता पिता के बाद जब रजिया की गवाही हुई तो वह किसी वजह से अपने पूर्व बयान से बदल गई। बताते चलें कि उक्त मामले में आजतक कोर्ट मे मृतका का न तो आजतक पोस्टमार्टम रिपोर्ट दाखिल किया गया है न हीं मामले के आइओ व चौकीदार की हीं गवाही हुई है। कोर्ट ने अपने आदेश में सिविल सर्जन रोहतास सहित सभी गवाहों को भी कोर्ट में तलब होने का आदेश जारी किया है।