कूड़े के ढ़ेर पर आबाद हो रहा शहर, दीपावली पर भी नहीं हुई सफाई
पेज तीन का बॉटम फोटो संख्या- 06 एसआरएम 5 व 6 - नगर परिषद के पास नहीं है कूड़ा निस्तार
पेज तीन का बॉटम
फोटो संख्या- 06 एसआरएम 5 व 6
- नगर परिषद के पास नहीं है कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था
- कचरे से भरे डस्टबीन की नहीं हो रही सफाई
जागरण संवाददाता, सासाराम : रोहतास। कूड़े के ढेर पर शहर आबाद हो रहा है। शहर में जहां-तहां खाली पड़े स्थानों को कूड़ा से पाटा जा रहा है। नगर परिषद के पास कूड़ा निस्तारण की वैज्ञानिक प्रणाली नहीं है। ऐसे में प्लास्टिक समेत अन्य गंदगी मिट्टी में दबाई जा रही हैं। मिट्टी के अंदर न गलने वाले नान सालिड वेस्टेज को भी दबाया जा रहा है। गढ्डों में भरे जा रहे कचरे से निकलने वाली मिथेन गैस से मानव जीवन को हो रहे नुकसान पर रोक लगाने को लेकर सरकारी अमला गंभीर नहीं है।
नगर परिषद द्वारा शहर में जहां-तहां रखे कूड़ेदान भी अब लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। कचरे से भरे कूड़ेदान अब जहां-तहां पलट गए हैं। जिससे आसपास के लोग अब डस्टबीन के ऊपर ही कूड़ा फेंकने लगे हैं। शहर से रोज काफी मात्रा में निकलने वाले कूड़ा को निस्तारण के लिए नगर परिषद जहां-तहां खाली स्थानों पर गिरा रहा है। जिससे उठती दुर्गध से लोगों का चलना दूभर हो जाता है। कूड़ा निस्तारण के लिए भूमि नहीं मिलने की समस्या अभी भी बनी हुई है।
दीपावली में भी नहीं हुई सफाई :
दीपों का त्योहार प्रकाश पर्व दीपावली स्वच्छता का पर्याय माना जाता है। इस अवसर पर सभी घरों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की व्यापक सफाई की जाती है। घरों निकले कचरे लोग उठाकर सड़कों के किनारे या चौक-चौराहों पर फेंक देते हैं। जिसे वहां से हटाने की जहमत नप नहीं लेता है। ऐसी स्थिति में हवा के साथ उड़कर वह कचरा सड़कों पर फैल जाता है।
त्योहार में और बढ़ेगी कूड़े की मात्रा :
दीपावली के बाद छठ के समय सड़कों पर कचरे की मात्रा और ज्यादा नजर आएगी। क्योंकि दीपावली के समय सड़कों पर फेंके गए कचरा तो जस की तस है ही, छठ में ईख व फलों के वेस्टेज भी दुकानदार सड़क पर ही फेंक देते हैं। ऐसे में नगर परिषद को भी पूरी मुस्तैदी से सड़कों व चौराहों से कूड़ा उठाव की व्यवस्था को चुस्त करने की जरूरत है। लेकिन ऐसा नियमित नहीं हो रहा है। कचरा उठाव तो होता है, लेकिन एक साथ पूरे शहर की गंदगी को साफ करने की ओर बल नहीं दिया जा रहा है। लोगों का कहना है कि प्रतिदिन नियमित रूप से हर मुहल्ले व चौराहे से कचरा उठाव शुरू होने से शहर को स्वच्छ रखने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी।
भूगर्भ जल जहरीला होने का खतरा :
प्लास्टिक, धातु व ई-वेस्ट की रीसाइ¨क्लग की जा सकती है। लो लैंड एरिया में पड़े कचरे में बारिश के दौरान रासायनिक प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इससे भूगर्भ जल जहरीला होने का खतरा बना रहता है। कूड़े से निकलने वाली रासायनिक क्रिया भूगर्भ जल के लिए ठीक नहीं होती है।
डॉ. अंबरीश कुमार तिवारी,
पर्यावरणविद व प्रधानाध्यापक
कन्या मध्य विद्यालय-सासाराम