प्रेमी ने प्रेमजाल में फंसाकर किया यौनशोषण, फिर रची खौफनाक सजिश
एक भोली-भाली लड़की को प्रेमी ने प्रेम जाल में फंसाया और उसका यौन शोषण किया फिर उसे बेचने के लिए दुबई भेजने की तैयारी में था। किसी तरह चंगुल से छूटी लड़की ने आपबीती सुनाई।
सासाराम [ब्रजेश पाठक]। वह अपने ही शहर में लुटती रही और पुलिस को भनक नहीं लगी। पड़ोसी ने ही प्रेम जाल में फांस उसे ब्लैकमेल किया। दुबई में बेचे जाने की भी तैयारी हो चुकी थी। जिस्म के सौदागरों के चंगुल से किसी तरह बचकर निकली लड़की ने जब दर्द भरी कहानी सुनाई तो सामने आया मानव तस्करों का बहुत बड़ा नेटवर्क।
यह घटना है सासाराम की है और इसमें सबसे बड़ा पहलू है पुलिस की उदासीनता, लापरवाही, संवेदनहीनता और हर केस की तरह इसमें भी टालमटोल का रवैया, अन्यथा उसकी जिंदगी तबाह होने से बच सकती थी।
प्रेम जाल में फांसा
कबीरगंज के सोनू नाम के लड़के ने उसे प्रेम जाल में फांसा। लड़की इंटर में पढ़ती थी। बीते साल 21 अगस्त को गायब हो गई। तीन माह बाद लौटी तो जिंदगी नर्क बन चुकी थी। दङ्क्षरदे ने उसका अश्लील वीडियो बना लिया था। ब्लैकमेल करने लगा। उसे घर से भागने पर मजबूर कर दिया। वह डर गई थी। उसने उसे सासाराम में ही घर बदल-बदलकर पांच जगहों पर रखा। उसके साथ...।
बेच दिया आरा में
इसके बाद सोनू ने आरा में रह रही सासाराम की ही लवंगी देवी के हाथों उसे एक बाइक और 16 हजार रुपये लेकर बेच दिया। लवंगी उसे लेकर आरा चली गई। उसे जिस्मफरोशी के धंधे में उतार दिया। कुछ दिनों बाद लवंगी ने उसे अरवल में नाच पार्टी को बेच दिया। इसकी मालकिन उषा थी। लड़की को नाचना नहीं आता था। उसने जिस्मफरोशी के धंधे में उतरने से मना कर दिया। उसे काफी प्रताडऩा दी गई, फिर भी नहीं मानी तो उषा ने उसे लवंगी को वापस कर दिया।
फिर लाई गई सासाराम
उसे फिर सासाराम लाया गया। आश्चर्र्य! पुलिस को भनक तक नहीं लगी, जबकि वह गायब थी और उसे उसी शहर में रखा जा रहा था। तस्करों की हिम्मत और पुलिस की गंभीरता दोनों का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है। लड़की को बौलिया मोहल्ले में एक मकान में रखा गया था। सोनू यहां फिर टपक पड़ा। इस दरिंदे का दुस्साहस देखें। अब उसे मुंबई, फिर वहां से दुबई में बेचे जाने की योजना बनने लगी।
मुंबई का टिकट भी बन गया था। उसे लड़की को इसकी भनक लग गई। उसने इस दलदल से निकलने को एक दृढ़ निश्चय किया। जिंदा रहे या मर जाए, यहां से भागेगी और वह किसी तरह भाग निकली।
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दस लोग गिरफ्तार
उसने पुलिस को अपने साथ हुए हादसे के बारे में बताया। इसके बाद दस लोगों को गिरफ्तार किया गया। वे अभी जेल में हैं। सबसे बड़ी बात इन दरिंदों को कड़ी सजा दिलाने की जरूरत है। जिस दिन लड़की गुम हुई उसकी सूचना थाने में दर्ज कर ली गई। पांच दिनों बाद अपहरण का मामला दर्ज हुआ।
पुलिस अगर गंभीरता से तलाश में जुट जाती तो शायद उसके साथ जो कुछ भी हुआ, वह नहीं होता। जिले की करीब पांच दर्जन लड़कियों का कोई अता-पता नहीं है।
कहा-आइजी पटना प्रक्षेत्र ने
प्रेम प्रसंग या शादी का झांसा दे बच्चियों को भगाने की घटनाओं को ले पुलिस संवेदनशील है। प्रति तीन माह पर सीआइडी व एसपी के साथ बैठक कर समीक्षा की जाती है। गुम बच्चियों को सबसे ज्यादा खतरा मानव तस्करों से होता है। इसके लिए कुछ एनजीओ व समाजसेवियों का भी सहयोग लिया जा रहा है। काफी समय से गुम बच्चियों को ढूंढने का पुलिस लगातार प्रयास कर रही है।
नैयर हसनैन खान
आइजी, पटना प्रक्षेत्र।
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