बाहर से आए 147 हार्वेस्टर चालक भी अब संभालेंगे काम, किसानों को राहत
बाहर से आए हार्वेस्टर चालकों को क्वारंटाइन में भेजे जाने के बाद जिले में लॉकडाउन से प्रभावित किसानों के लिए अच्छी खबर है। खेतों में पककर तैयार गेहूं फसल की कटनी के लिए प्रशासन ने अब प्रभावी कदम उठाते हुए बाहर से आए उन सभी 147 चालकों से स्थानीय स्तर पर कार्य लेने की अनुमति दे दी है जिन्हें पूर्व में क्वारंटाइन कर स्थानीय डीएवी स्कूल में रखा गया था।
बाहर से आए हार्वेस्टर चालकों को क्वारंटाइन में भेजे जाने के बाद जिले में लॉकडाउन से प्रभावित किसानों के लिए अच्छी खबर है। खेतों में पककर तैयार गेहूं फसल की कटनी के लिए प्रशासन ने अब प्रभावी कदम उठाते हुए बाहर से आए उन सभी 147 चालकों से स्थानीय स्तर पर कार्य लेने की अनुमति दे दी है, जिन्हें पूर्व में क्वारंटाइन कर स्थानीय डीएवी स्कूल में रखा गया था। इन सभी की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसके साथ ही पहले से ही कार्य कर रहे जिले के 319 प्रशिक्षित चालक भी पूर्ववत कार्य करते रहेंगे। जिला प्रशासन द्वारा बाहर के चालकों को लॉकडाउन में हार्वेस्टर चलाने की अनुमति देने से किसानों ने राहत की सांस ली है। वहीं, किसानों से कटनी व अन्य कृषि कार्य के दौरान शारीरिक दूरी का पालन करने का निर्देश दिया गया है। प्रशासन ने इन्हें बिहार आने के लिए निर्गत किया था पास
गेहूं के बंपर उत्पादन वाले इस जिले में पंजाब व हरियाणा के चालकों द्वारा हार्वेस्टिग की जाती है। इस वर्ष कोरोना संकट को ले जब बाहर से हार्वेस्टर चालक नहीं आ पाए, तो उन्हें लाने के लिए प्रशासन ने 306 चालकों का पास जिला प्रशासन द्वारा निर्गत किया गया था। इसमें 147 चालकों ने आकर अपना कार्य भी शुरू कर दिया था, लेकिन सरकार द्वारा बाहर से आए चालकों के स्वास्थ्य जांच के बाद उन्हें क्वारंटाइन किए जाने के बाद समस्या बढ़ गई थी। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रशासन द्वारा यह कदम उठाया गया है। किसानों की मानें तो कुछ दिन पूर्व जिले के प्रशिक्षित चालकों से गेहूं की कटनी कराने के निर्णय से किसानों को थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन समस्या का पूर्णत: समाधान नहीं हो पाया था। अब बाहर से आ चुके हार्वेस्टर चालकों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद प्रशासन द्वारा उनसे कार्य लेने की अनुमति देने के निर्णय से काफी राहत मिली है। नोखा के पूर्व विधायक रामेश्वर प्रसाद चौरसिया ने भी केंद्रीय कृषि मंत्री, मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री व राज्य के कृषि मंत्री को जिले की स्थिति से अवगत कराते हुए बाहर के चालकों से काम लेने की मांग की थी। कहा था कि हार्वेस्टर चालक गांव से बाहर ही गेहूं कटनी का काम करते हैं तथा गांव के बाहर ही रहते भी हैं। उनके संपर्क में ग्रामीण भी नहीं आते, जिससे गांव में ही वे क्वारंटाइन रह कृषि कार्य कर सकते हैं। कहते हैं डीएओ :
लॉकडाउन के दौरान जिले में गेहूं की कटनी का कार्य प्रभावित न हो, इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं। कृषि कार्य को प्रमुखता देते हुए पहले ही 319 हार्वेस्टर चलाने की अनुमति दी गई थी। अब दूसरे प्रदेश से यहां आए 147 चालकों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें क्वारंटाइन से मुक्त कर दिया गया है। वे गेहूं की हार्वेस्टिग में लगाए जा सकते हैं। इससे किसानों को काफी राहत मिलेगी।
राधारमण, डीएओ, रोहतास