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इन्द्रपुरी जलाशय परियोजना में सर्वेक्षण रिपोर्ट का पेंच

संवाद सहयोगी, डेहरी-आन-सोन (रोहतास) : चिरलंबित इन्द्रपुरी जलाशय परियोजना के सर्वेक्षण कार्य का अब तक

By Edited By: Published: Sat, 23 May 2015 06:59 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2015 06:59 PM (IST)
इन्द्रपुरी जलाशय परियोजना में सर्वेक्षण रिपोर्ट का पेंच

संवाद सहयोगी, डेहरी-आन-सोन (रोहतास) : चिरलंबित इन्द्रपुरी जलाशय परियोजना के सर्वेक्षण कार्य का अब तक सर्वे प्रतिवेदन अप्राप्त होने से आगे की कार्रवाई में बाधा आ रही है। जल संसाधन विभाग ने सर्वे आफ इंडिया को इसके लिए स्मारपत्र भेजते हुए विलंब के लिए नाराजगी जाहिर की है।

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जल संसाधन विभाग ने सर्वे आफ इंडिया के निदेशक को लिखे पत्र में कहा है कि जलाशय योजना के सर्वेक्षण कार्य पूर्ण होने के बाद भी उसकी रिपोर्ट अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। जिससे आगे की कार्रवाई अधर में लटकी हुई है। उन्होंने विभिन्न लेबलों (1.69 मीटर से 173.0 मीटर) के बीच एक-एक मीटर के अंतराल पर भी सर्वे करा प्रतिवेदन शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार सर्वे आफ इंडिया ने गत बैठक में जलाशय के डूब क्षेत्र से संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के लिए आश्वासन दिया था। साथ ही विभिन्न लेबलों पर प्रापर्टी सर्वे प्रतिवेदन भी उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था।

योजना व मानिटरिंग अंचल के अधीक्षण अभियंता ने अब तक इस दिशा में अपेक्षित कार्रवाई नहीं होने की बात कही है। जो अत्यंत खेद का विषय है। उन्होंने डूब क्षेत्र से संबंधित सूचना शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की है।

क्या है इन्द्रपुरी जलाशय परियोजना :

सोन नदी पर मठियांव गांव के पास 1982 से यह परियोजना प्रस्तावित है। इससे आठ जिलों में फैले सोन नहर प्रणाली के सिंचाई को स्थायित्व प्रदान किया जा सकेगा। साथ हीं 450 मेगावाट पनबिजली का उत्पादन होगा। इस परियोजना का डूब क्षेत्र बिहार के अलावा झारखंड तथा उत्तर प्रदेश में पड़ता है। उत्तर प्रदेश में पड़ने वाले डूब क्षेत्र के संबंध में वर्र्षो से सर्वेक्षण के बावजूद सर्वे आफ इंडिया द्वारा रिपोर्ट अब तक उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है।

कहते हैं सांसद :

क्षेत्रीय सांसद व मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा का कहना है कि इन्द्रपुरी जलाशय परियोजना की बाधाओं को दूर करने हेतु शीघ्र ही तीनों राज्यों के जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाने की मांग की गई है। हाल ही में प्रधानमंत्री से भी उनके सहित रोहतास, औरंगाबाद व बक्सर के सांसद ने भी इस दिशा में पहल करने का आग्रह किया है। अगर आने वाले वर्षो में इस जलाशय का निर्माण नहीं हुआ तो आठ जिलों के खेत मरूस्थल में बदल जाएंगे। कहाकि सोन कमांड क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था इन्द्रपुरी बराज पर निर्भर है। जबकि इन्द्रपुरी बराज को यूपी के रिंहद जलाशय व एमपी के वाणसागर जलाशय से समझौता के अनुरूप पानी प्राप्त नहीं होने से समस्या खड़ी हो गई है। बराज में शिल्ट भर जाने से जल संग्रहण क्षमता लगभग समाप्त हो गई है।


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