पूर्णिया में कहीं पौधारोपण तो कहीं वेबिनार के जरिये लोगों को किया गया जागरूक
विश्व पर्यावरण दिवस पर विविध कार्यक्रमों के जरिए लोगों को प्रकृति से यारी निभाने को जागरुक किया गया। कहीं पौधारोपण तो कहीं वेबिनार के लिए लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करने की कोशिश की गई।
पूर्णिया। विश्व पर्यावरण दिवस पर विविध कार्यक्रमों के जरिए लोगों को प्रकृति से यारी निभाने को जागरुक किया गया। कहीं पौधारोपण तो कहीं वेबिनार के लिए लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करने की कोशिश की गई।
सौरा नदी बचाओ अभियान के सदस्यों द्वारा सिटी स्थित सौरा नदी तट के समीप पंचवटी पौधा लगाकर पंचवटी परिसर की परिकल्पना को मूर्त रूप देने की कोशिश की गई. शनिवार को इसकी शुरुआत की गई. इस अभियान के तहत उत्तर में बेल, दक्षिण में आंवला, पश्चिम में बरगद, पूरब में पीपल तथा अग्निकोण में अशोक का पौधा लगाने की योजना है. सौरा नदी बचाओ अभियान में सक्रिय रूप से काम कर रहे सुमित प्रकाश ने बताया कि इसके साथ ही गुलमोहर, नीम, पाकड़, पारस, तुलसी, बर, ड्रेगन पाम के पौधे लगाए जाएंगे. इस अवसर पर पर्यावरण प्रहरियों ने सौरा नदी के तटबंध का भी जायजा लिया. इस अभियान में सुमित प्रकाश के अलावा पूर्व पार्षद राजकुमार यादव, शशि कुमार, रवि सिंह सहित कई अन्य लोग शामिल थे।
अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ ने मनाया उत्सव
बिहार राज्य अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ, पूर्णिया विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष चंदन सिंह की पहल पर पर्यावरण के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से राष्ट्रीय भव्य उत्सव कार्यक्रम वर्चुअल माध्यम से मनाया गया। श्री सिंह ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रकृति की रक्षा के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करना था। अध्यक्षता कर रहे पूर्णिया विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार सिंह ने कहा कि- स्वार्थ-साधना के इस युग में प्रकृति का संतुलन न बिगड़े इसके लिए संवेदनशील बनने की जरुरत है। मुख्य अतिथि के रूप में शामिल गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय, रोहतास के नारायण एकेडमी ऑफ मैनेजरियल एक्सीलेंस के फाउंडर निदेशक एवं वर्तमान में विश्वविद्यालय परीक्षा नियंत्रक के पद पर आसीन प्रो. कुमार आलोक प्रताप ने कहा कि शिक्षक एवं शैक्षणिक पर्यावरण को जिम्मेदारी के साथ सु²ढ़ कर भारत विश्वगुरू बन सकता है। शिक्षक संघ के महासचिव डॉ विनोद कुमार ओझा ने कहा कि स्मार्ट गांव, पेड़ पौधे के साथ जीने वाला भाव एवं प्रकृति के सम्मान की बात करने वाली भारतीय परंपराओं को बचा कर प्रकृति एवं मानव जाति को बचाया जा सकता है। पूर्णिया विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ रामदयाल पासवान ने पर्यावरण बचाओ की महत्ता पर प्रकाश डाला। तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के डा. संतोष कुमार तिवारी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष नए थीम के साथ पर्यावरण दिवस मनाना अब काफी नही है। इस कार्यक्रम में पूर्णिया विश्वविद्यालय से डा. प्रमिला कुमारी, डा. अंजना कुमारी, डा. पंकज कुमार समदरिया, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से डा. ललित किशोर, डा. दीपक कुमार, डा. अविनाश पांडे, डा. विक्रम कुमार, डॉ कुमार बलवंत सिंह, भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय से डा. कविता कुमारी, जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा से डा. धर्मेंद्र सिंह, डा. मनोज कुमार पांडे, डा. अमृता कुमारी, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा से डा. डुमरेंद्र राजन, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से डा. सुबोध कुमार सिंह, डा. शैलेंद्र कुमार ठाकुर, डा. पुष्कर झा आदि शामिल हुए। इस वर्चुअल मंच का संचालन डॉ. अजय कुमार यादव ने किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अतिथि शिक्षक संघ के सचिव संतोष कुमार, सौरव सुमन, अंबेडकर वर्मा आदि ने मुख्य भूमिका निभाई।