लोजपा नेता की हुई नृशंस हत्या, पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
पूर्णिया। फिरौती वसूलकर लोजपा नेता की निर्मम हत्या और पुलिस की कार्यशैली हर किसी को अचंि
पूर्णिया। फिरौती वसूलकर लोजपा नेता की निर्मम हत्या और पुलिस की कार्यशैली हर किसी को अचंभित कर रहा है। अपराधियों ने फिरौती वसूलने से पहले ही अनिल के सिर पर प्रहार कर निर्मम हत्या कर दी। उनकी आंखे निकाल लीं और गुप्तांग काट डाला। अपराधियों के छह बार फोन करने और फिरौती वसूलकर हत्या करने तक पुलिस का अनभिज्ञ बना रहना, कई सवाल खड़े कर रहा है।
अपराधियों ने फिरौती वसूलने के लिए अनिल के मोबाइल से उसके मुंशी अशोक पासवान के मोबाइल पर छह बार फोन किया था, लेकिन पुलिस को अपराधियों के ठिकाने की कोई भनक तक नहीं लगी। पहले फोन से ही बनमनखी में अपराधियों ने स्वजन के साथ में पुलिस के रहने का पता लगा लिया था। दूसरी बार बनभाग में फिरौती का रुपये एक ट्रैक्टर के ट्रेलर में लेने के बाद भी वहां पुलिस के सक्रिय होने की जानकारी हासिल कर ली, लेकिन पुलिस अपराधियों के बारे में कुछ पता नहीं कर पाई। क्या पुलिस फिरौती लेकर अपराधियों द्वारा अनिल उरांव के छोड़ने का इंतजार कर रही थी। अगर नहीं तो पुलिस की तकनीकी टीम और सूचना तंत्र छोटे अपराधी के सामने बौना कैसे साबित हो गई।
अपराधी के फोन पर स्वजन के साथ घंटों जगह-जगह घूमने के बाद भी पुलिस अपराधियों के जाल से अनजान बनी रही। मानो अपराधियों ने पुलिस को जाल बिछाने का मौका ही नहीं दिया और पुलिस को चकमा देते हुए फिरौती का रुपया लेकर साक्ष्य मिटाने के लिए अनिल की हत्या कर आगे बढ़ गए। पूरी घटना तक पुलिस महकमा अलर्ट मोड में रहा फिर भी अपराधियों को पता कर अनिल को छुड़ाने में पिछड़ गई, जिसका नतीजा है कि अपराधी पुलिस के आंख के सामने फिरौती का 10 लाख रुपये वसूलकर अनिल की हत्या कर दी।