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एचआइवी संक्रमित मरीजों को अब सदर अस्पताल से मिलेगा एआरटी इलाज

पूर्णिया। सदर अस्पताल में अगले माह से एआरटी (एंटीरेटरोवायरल थेरेपी) इलाज की सुविधा एचआ

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 06:08 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 06:08 PM (IST)
एचआइवी संक्रमित मरीजों को अब सदर
 अस्पताल से मिलेगा एआरटी इलाज
एचआइवी संक्रमित मरीजों को अब सदर अस्पताल से मिलेगा एआरटी इलाज

पूर्णिया। सदर अस्पताल में अगले माह से एआरटी (एंटीरेटरोवायरल थेरेपी) इलाज की सुविधा एचआइवी संक्रमित मरीज को मिलने लगेगी। एआरटी सेंटर के अभाव में जिले और कोसी के अन्य जिलों के मरीजों को दवा के लिए भागलपुर या कटिहार का रूख करना पड़ता था। इस इलाके के करीब एक हजार से अधिक एचआइवी संक्रमितों को उपचार सुविधा मिल सकेगी। सदर अस्पताल के वर्तमान ओपीडी के उपरी तल पर यह सेंटर जल्द प्रारंभ किया जाएगा। सेंटर के चिकित्सक डॉ. सौरभ कुमार ने बताया कि चिकित्सक और स्टाफ की नियुक्ति हो चुकी है। पहले मरीज पॉजिटिव होने के बाद कटिहार या भागलपुर जाते थे जहां पर सीडी -4 मशीन से से वायरस के लोड को परखा जाता था उसी आधार पर दवा की खुराक निर्धारित होती थी। अब यह सुविधा यहां उपलब्ध होगी। पॉजिटिव मरीज की तुरंत इस मशीन से जांच होगी और दवा प्रारंभ हो जाएगी। पहले लिक एआरटी की तरह जिला में कुछ समय सेंटर को चलाया गया लेकिन अब सदर अस्पताल में ही यह सेंटर प्रारंभ होगा। सीडी -4 मशीन आने के साथ ही संक्रमित मरीजों को जांच के बाद यहीं पर दवा मिलने लगेगी। सेंटर के लिए चिकित्सक के अलावा लैब टेक्निसियन, काउंसेलर, एएनएम आदि स्टाफ की नियुक्ति हो चुकी है। विश्व एडस दिवस के मौके पर यह तोहफा मरीजों को विधिवत मिलने की उम्मीद है। एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के लिए यह राहत भरी खबर है। नाको ने इस वर्ष के प्रारंभ में ही जिले के सदर अस्पताल में एआरटी सेंटर प्रारंभ करने की घोषणा की थी। लॉकडाउन के कारण इस को प्रारंभ करने में देरी हुई है। अब सभी स्टाफ की नियुक्ति और सेंटर के लिए स्थान का चयन होने के बाद सभी अवरोध खत्म हो गए है। सीडी -4 मशीन जिससे संक्रमण की अवस्था का पता लगाया जाता है वह जल्द पहुंच जाएगा। एआरटी सेंटर पर आने के बाद उनका सीधे इलाज शुरू हो सकता है। सेंटर को एचआईवी संक्रमितों की सही संख्या पता चलेगा उपचार की निगरानी भी संभव होगी। पहले एचआईवी पॉजिटिव मरीजों का इलाज सीडी-4 की गिनती देखकर की जाती है। इसके लिए मरीज को कटिहार रेफर किया जाता है। कभी-कभी कटिहार में दवा नहीं होने पर उन्हें लौटकर वापस आना पड़ता था। मरीज भागलपुर तक का चक्कर लगाते थे। लेकिन अब पूर्णिया ही नहीं अररिया, मधेपुरा, सुपौल, सहरसा आदि जिले के मरीज भी इस सुविधा का लाभ उठा पाएंगे।

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