बालगृह हत्याकांड में आरोपित लफ्फू यादव ने किया आत्मसमर्पण
पूर्णिया। बाल सुधार गृह में 19 सितंबर को दोहरे हत्याकांड का फरार आरोपित लफ्फू यादव ने सोमवार क
पूर्णिया। बाल सुधार गृह में 19 सितंबर को दोहरे हत्याकांड का फरार आरोपित लफ्फू यादव ने सोमवार को न्यायालय में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष आत्मसमर्पण किया। घटना में उसकी संलिप्तता अनुसंधान के क्रम में आई थी। वहीं बाल सुधार गृह में घटना को अंजाम देकर फरार चल रहे सहरसा जिला के रहने वाले पांचवे बाल बंदी के घर की पूर्णिया और स्थानीय जिला पुलिस बल के साथ कुर्की-जब्ती की कार्रवाई पूरी की गई।
बताते चलें कि न्यायालय में आत्मसमर्पण किए लफ्फू यादव ने बाल सुधार गृह में हत्या की घटना करने के बाद बाल बंदियों को भागने के लिए अपनी इनोवा गाड़ी उपलब्ध कराई थी। अनुसंधान के क्रम उसकी संलिप्तता पाकर इनोवा गाड़ी के साथ चालक को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह करीब एक माह से पुलिस की नजर से फरार चल रहा था। पुलिस उसकी गिरफ्तारी और कुर्की के लिए न्यायालय से वारंट और कुर्की आदेश प्राप्त कर चुकी थी। जल्द ही पुलिस कुर्की की कार्रंवाई में जुटती, लेकिन पुलिस को चकमा देकर पूर्णिया न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण के बाद न्यायिक दंडाधिकारी अवधेश कुमार ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बताया जाता है कि पुलिस उसे रिमांड पर लेने की तैयारी में जुट गई है। ताकि रिमांड पर पूछताछ में पुलिस को कुछ अन्य जानकारी हासिल हो सके।
हाउस फादर और बालबंदी की हुई थी हत्या
बाल सुधार गृह में 19 सितंबर को बाल बंदियों ने हाउस फादर विजेन्द्र कुमार और एक बाल बंदी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना को अंजाम देने के बाद पांच बाल बंदी बाल सुधार गृह से फरार हो गया था। इस घटना में सबसे पहले घटना के साजिशकर्ता पूर्व हाउस फादर अमर कुमार झा को पुलिस ने गिरफ्तार की थी। इसके बाद दो बालबंदी 28 सितंबर और एक बाल बंदी 29 सितंबर को पूर्णिया के न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद चौथा बालबंदी को मधेपुरा पुलिस के हत्थे चढ़ा था। इस दौरान बाल बंदी और पूर्व हाउस फादर को रिमांड पर लेकर पूछताछ के दौरान पता चला था कि पूर्णिया कोर्ट स्टेशन निवासी लफ्फू यादव घटना के बाद भागने के लिए अपनी इनोवा गाड़ी दिया था। जानकारी मिलते ही पुलिस ने लफ्फू यादव के घर पर दबिश दी तो लफ्फू यादव भागने में सफल रहा। पुलिस उसके घर से इनोवा और चालक को गिरफ्तार किया था। हालांकि पुलिस ने इस घटनाक्रम बाल बंदियों को सहयोग करने और हथियार उपलब्ध कराने के आरोप में सूरज विश्वास और रंजीत पासवान को देसी कट्टंा के साथ गिरफ्तार किया था। इस घटना में अब भी एक बाल बंदी फरार चल रहा है।