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केंद्र की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियन के सदस्यों ने दिया धरना

पूर्णिया। केंद्र सरकार की नीतियों और तानाशाही के खिलाफ अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन की जिला

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 10:21 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 10:21 PM (IST)
केंद्र की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियन के सदस्यों ने दिया धरना
केंद्र की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियन के सदस्यों ने दिया धरना

पूर्णिया। केंद्र सरकार की नीतियों और तानाशाही के खिलाफ अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन की जिला इकाई व वामपंथी संघर्ष समन्वय समिति के सदस्यों ने आरएन साव चौक पर बुधवार को धरना दिया। धरना पर बैठे कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।

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धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के कारण देश में आज अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। आरएसएस के इशारे पर संविधान व लोकतंत्र पर मोदी-शाह की जोड़ी लगातार हमले कर रही है। बेरोजगारी और मंहगाई चरम पर पहुंच गई है लेकिन सरकार इसके लिए कोई उपाय नहीं कर समाज को बांटकर वोट की राजनीति कर रही है। देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है तथा रुपये का लगातार अवमूल्यन हो रहा है। मजदूरों का पेट भरना मुश्किल हो रहा है। शिक्षा और दवा के लिए उनके पास पैसे नही हैं। किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं लेकिन सरकार सीएए ला रही है अैार एनआरसी व एनआरपी लाने की तैयारी कर रही है।

एनआरसी या एनआरपी लाने पर दी जनआंदोलन की चेतावनी

नेताओं ने सीएए वापस लेने की मांग की तथा एनआरसी या एनआरपी लाने पर जनांदोलन की चेतावनी दी है। धरना में शामिल माकपा ने निजीकरण पर रोक लगाने, समान काम के लिए समान वेतन देने, जेएनयू व जामिया के छात्रों पर बर्बरता करने वालों की गिरफ्तारी, मजदूरों का वेतन 21 हजार प्रतिमाह करने आदि मांगें रखी। धरना में माकपा के सुनील सिंह, राजकुमार सिंहा, एक्टू के इस्लामुद्दी, कांग्रेस के गौरीशंकर, रंजन सिंह, गौतम वर्मा, मनोज राम, अनिल पासवान, एचकेएमपी के मो. शहीम, अजय कुमार, मो बदरूद्दीन आदि मौजूद थे।


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