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नल है तो कहीं जल नहीं , कहीं जल है तो नल नहीं

पूर्णिया। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल पहुंचाने की

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 05:59 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 05:59 PM (IST)
नल है तो कहीं जल नहीं , कहीं जल है तो नल नहीं
नल है तो कहीं जल नहीं , कहीं जल है तो नल नहीं

पूर्णिया। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल पहुंचाने की योजना कागजों तक ही सिमट कर रह गई है। इसकी बानगी जिले के सभी प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों में देखने को मिल जाती है। इस योजना का हाल यह है कि कहीं नल है तो जल नहीं और कहीं जल है तो नल का पता नहीं है। इस योजना में लूट खसोट का आलम यह है कि कमीशन के चक्कर में विभागीय अधिकारियों द्वारा स्थल के निरीक्षण के नाम पर खनापूरी की जाती है और आम लोग कल की तरह आज भी शुद्ध पेयजल मिलने की उम्मीद में टकटकी लगाए बैठे हैं। मुख्यमंत्री के द्वारा सुपौली पंचायत से नल जल योजना का उद्घाटन कर शुरूआत भी किया गया तब ग्रामीणों को लगा कि अब वे लोग भी नहर व कुआं का पानी नहीं पीकर स्वच्छ पानी पिया करेंगे। कितु मुख्यमंत्री के जाते ही योजना ने दम तोड़ दिया और वे लोग एक बार फिर नहर और कुआं का पानी पीने को बाध्य हो गए । ग्रामीणों ने बताया इसकी शिकायत विभाग के जेई व बीडीओ से कई बार किया गया कितु मामला जस का तस बना रहा । अधिकांश पंचायतों में यही मामला देखने को मिल रहा है। कहीं नल का पाइप टूट गया तो कहीं सबमरसेबल नहीं लग पाया, कहीं घरों तक नल का कनेक्शन नहीं किया गया है। इसके अलावा घटिया गुणवत्ता से होने वाले निर्माण के कारण भी योजना प्रभावित हो रही है। कई स्थानों पर बिना उपयोग में लाए ही पाइप डैमेज हो गयी है तो कहीं बनने के साथ ही नल का पाइप टूट कर बिखरने लगा है। यही कारण है की भवानीपुर प्रखंड में आज तक प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश गांव में हर घर नल का जल एक सपना बन कर रह गया है। सुपौली पंचायत के लोगो ने बताया कि सरकार ने जिस तेजी से जल जीवन हरियाली के तहत गांव में नल जल योजना की शुरूआत किया उससे लगा कि अब शुद्ध जल की समस्या से निजात मिल जाएगा मगर ऐसा नही हुआ। घर तक पाइप लाया गया उसके साथ साथ नल भी लगाया गया मगर प्लास्टिक का नल कहां ज्यादा दिन टिकने वाला टूट गया फिर पाइप बीच से ही टूट गई आलम यह है कि सिर्फ सड़क के बगल में बने कुछ घरों तक ही पानी की आपूर्ति हो पाती है बाकी अंदर के घरों तक तो योजना कागज पर ही सिमट गई है।

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सुपौली पंचायत वार्ड नं. 3 की लाभुक सुलोमनी देवी ने कहा की लगभग एक वर्षो से पानी नहीं आ रहा है और कोई पूछने वाला भी नही है। नल तो लगा दिया है लेकिन पानी का अब तक कोई पता नहीं है।

सुपौली पंचायत वार्ड नं 03 दरवेशी मंडल ने कहां जब से लगा है तब से अभी तक पानी नही आया है ,पाइप भी टूटा हुआ है मगर देखने कोई नही आया है। पाइप और नल जो लगाया गया उसकी भी गुणवत्ता सही नहीं है।

सुपौली पंचायत वार्ड नं 03 की सरिता कुमारी ने कहा की सरकार सिर्फ लोगों को ठगने का काम की है । नल-जल का काम किया गया घर तक पहुंचाया मगर नल नहीं लगाया मजबूरन बाजार से खरीद कर नल लगाए की शुद्ध जल परिवार को पीने को मिलेगा मगर ऐसा अब तक हुआ ही नही।

सोनदीप मिलिक पंचायत वार्ड नं 05 के अमन कुमार सिंह का कहना है कि नल-जल योजना सिर्फ कागज पर दिखाई दे रही है मगर पंचायत के घरों तक नही पहुंच पाया है। सरकार सिर्फ जनता को बेबकुफ बनाने और ठगने का काम किया है।

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करोड़ों खर्च मगर लोगों के हलक अब भी सूखे

संस,सरसी(पूर्णिया): राज्य सरकार द्वारा सात निश्चय कार्यक्रम के तहत चलाई जा रही नल जल योजना उनके एक पंचवर्षीय शासन कार्यकाल में पूर्ण नहीं हो पाई है। प्रत्येक प्रखंड की एक्का दुक्का पंचायत को छोड़कर शेष पंचायतों में प्लांट बैठ जाने के बावजूद भी वहां की जनता को शुद्ध पेयजल का दर्शन नहीं हो पाया है। जबकि यह योजना पंचायत की सबसे बड़ी योजना के रूप में मानी जा रही है। जिस पर औसतन प्रति पंचायत की दर से 10 करोड़ की लागत व्यय हो रहा है। इतनी बड़ी लागत के बावजूद भी वहां की जनता की हलक शुद्ध पानी के बगैर सुखा पड़ा है। इक्का दुक्का पंचायत को छोड़कर शेष पंचायतों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है जबकि वहां प्रत्येक वार्डों में पानी के टंकी का निर्माण कर लिया गया है। तथा जमीन खोदकर पाइप बिछाते हुए लगभग हर एक घरों में आधे अधूरे कनेक्शन भी पहुंचा दिया गया है। लेकिन उसमें पानी अभी तक नहीं छोड़ी गई है। धमदाहा प्रखंड के चम्पावती पारस मनी चिकनी डुमरिया सरसी इत्यादि पंचायतों में पानी टंकी का निर्माण कर लिया गया है लेकिन शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं की जा रही है। पारसवनी पंचायत के कुछ वार्डों में इस योजना के तहत शुद्ध पेयजल की आपूर्ति भी की गई है लेकिन दो चार स्थानों को छोड़कर शेष स्थानों पर जमीन के नीचे गाड़े गाए पाइप में लीकेज होने से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति बाधित है। इस योजना के संबंध में लोगों का कहना है कि सरकार की यह योजना अपने लापरवाही युक्त कार्यशैली के कारण यहां की जनता की हलक की त्रास शुद्ध पेयजल आपूर्ति कर बुझाने में सफल नहीं हो पाएगी।


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