श्रद्धा-भक्ति से मना जूड़ शीतला पर्व
पूर्णिया। प्रखंड के क्षेत्रों में दो दिवसीय जूड़ शीतला त्योहार श्रद्धापूर्ण माहौल में मनाया गया। पर्व के
पूर्णिया। प्रखंड के क्षेत्रों में दो दिवसीय जूड़ शीतला त्योहार श्रद्धापूर्ण माहौल में मनाया गया। पर्व के दौरान घर के बुजुर्ग या खासकर महिलाएं सूर्योदय से पूर्व पेड़ पौधे में पानी देकर अपने से छोटे को माथे पर ठंडे जल देकर उनके दीर्घायु होने की कामना की। वहीं छोटे ने बड़ों को प्रणाम कर आशीर्वाद प्राप्त किया। ब्रह्मानंद झा उर्फ डोली झा ने बताया कि चैत्र मास के कृष्ण पक्ष के सप्तमी तिथि को सतुआनी पूजन भोग से प्रारंभ होकर उसी रात पकवान बनाकर सुबह खाते हैं। खासकर मिथिलाचल के लोग चावल, कढ़ी बड़ी एवं अन्य साग सब्जिया बनाकर अगले दिन यानी वैसाख मास प्रारंभ अष्टमी की सुबह बासी ठंडे भोजन माता शीतला को चढ़ावे बाद ग्रहण करने की परंपरा है। बताया कि स्कन्द पुराण में बताया गया है कि शीतला माता चेचक, खसरा आदि रोग के बचाव की देवी के रूप में पूजी जाती है। शीतला माता को शक्ति के दो स्वरूप देवी दुर्गा और देवी पार्वती के अवतार के रूप में माना जाता है। इस दिन लोग मा शीतला का पूजन इस कारण से ही करते हैं। मान्यता है कि शीतला माता के पूजन से उनके बच्चे और परिवार वाले इस तरह की बीमारियों से बचे रहते हैं।