हजार संदिग्ध रोगियों की जांच, 63 में कुष्ठ की पुष्टि
पूर्णिया। जिले में नए 63 कुष्ठ रोगियों की पहचान की गई है। पहले जिले में 957 रोगियों का इलाज चल र
पूर्णिया। जिले में नए 63 कुष्ठ रोगियों की पहचान की गई है। पहले जिले में 957 रोगियों का इलाज चल रहा था। जिले में 13 से 17 जनवरी के बीच पांच दिवसीय घर-घर खोजो कुष्ठ रोगी पहचान अभियान दलित बस्तियों में चलाया गया था। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित 1200 टीमों ने करीब तीन लाख दलित आबादी के बीच जाकर सर्वे किया और घर-घर जाकर पूछताछ की। प्रत्येक टीम में एक पुरुष और एक महिला सदस्य शामिल थे। टीम ने 1000 संदिग्ध रोगियों की पहचान की थी, जिनको स्वास्थ्य केंद्र में लाकर डॉक्टर द्वारा सघन जांच की गई। इसमें से 63 में कुष्ठ रोग की पुष्टि हुई है। कुष्ठ विभाग ने निबंधन कर उनका इलाज शुरू कर दिया है। 63 में 42 सामान्य रोगी हैं जिन्हें छह माह इलाज के बाद बीमारी से छुटकारा मिल जाएगी। 21 को एक साल के इलाज की आवश्यकता होगी।
रोगियों की पहचान कर उनका कराया जाता है निबंधन
एसीएमओ डॉ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि रोगी की पहचान कर उनका निबंधन किया जाता है। उसकी पूरी जानकारी कार्यालय में उपलब्ध होती है और उसका फॉलोअप किया जाता है। विभाग के सुमन कुमार सिन्हा का कहना है कि नए रोगी की पहचान दलित बस्तियों में चले अभियान के दौैरान हुई है। इन्हें दवा दी जाएगी और नियमित रूप से फॉलोअप किया जाएगा। नियमित अंतराल में खोज अभियान का मकसद है कि एक भी रोगी इलाज से वंचित नहीं रहे। इसमें नए रोगी की पहचान के साथ पुराने रोगी का भी फॉलोअप किया गया। इलाजरत रोगियों से अन्य लोगों में बीमारी नहीं फैलती है।
रोग को छुपाना है खतरनाक
कुष्ठ रोग को छुपाना नहीं चाहिए। शरीर के किसी भी हिस्से में तांबे के रंग का दाग हो और उस दाग में सूनापन हो तो वह कुष्ठ रोग हो सकता है। हाथ और पैर की नस का मोटा होना, दर्द होना एवं झुनझुनी होना भी कुष्ठ के प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैं। कुष्ठ का इलाज प्रारंभिक अवस्था में होने से दिव्यांगता से बचा जा सकता है।