बिहार में गजब हो गया : पूर्णिया में बेच दिए गए नदी-नाले, 10 हजार परिवारों ने बना लिए आलीशान आशियाने
बिहार के पूर्णिया जिले में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां नदी की धार और नाले बेच दिए गए हैं। अब इसमें बड़े-बड़े दो से चार मंजिलों के आलीशान मकान भी खड़े हो चुके हैं। एक या दो नहीं दस हजार परिवार अब मंझधार में फंस गए हैं।
राजीव कुमार, पूर्णिया: पूर्णिया में जमीन की बढ़ती कीमतों के कारण जमीन की खरीद फरोख्त करन वाले ब्रोकरों ने नदी की धार एवं नाले की सरकारी जमीन तक को बेच डाला है। अब इन्हें खरीदने वाले, इस नदी की धार और नालों की जमीन पर आलीशान आशियाने (घर) बना मंझधार में फंस गए हैं। नदी के धार में घर बनाने वालों को नगर निगम ने खाली करने का नोटिस थमा दिया है। ऐसे में इस धार एवं नाले की जमीन पर घर बनाकर रहने वाले दस हजार से अधिक परिवारों का हाथ पांव फूल गए हैं। उन्हें अब समझ में नहीं आ रहा है कि अब वे अपने परिवार के साथ कहां जाए?
नगर की प्रमुख सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने के बाद जिला प्रशासन ने शहर से होकर गुजरी प्रमुख नालों एवं नदियों की धार को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्णय लिया है। जिला पदाधिकारी सुहर्ष भगत ने प्रथम चरण में तीन प्रमुख नालों पर से अतिक्रमण हटाने का निर्णय लिया है इसमें भगेलू साह नाला, मनुषमारा धार और नरकटियागंज धार शामिल है। इन धार एवं नालों की सरकारी जमीन पर रहने वालो को निगम ने नोटिस दी है कि वे स्वयं उक्त नाले पर से अतिक्रमण हटा लेें अन्यथा नगर पालिका अधिनियम के तहत कार्रवाई कर उसे अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा तथा संबंधित लोगों से जुर्माना भी वसूला जाएगा।
- -भगेलू साह नाला, मनुषमारा धार व नरकटियागंज धार की जमीन होगी खाली
- -नदी की धारा में घर बनाने वालों को निगम ने थमाया खाली करने का नोटिस
- - धार में बना है 10 हजार परिवारों का आशीयाना , नोटिस थमाने के बाद फूले हाथ पांव
- - धार की सरकारी जमीन को जमीन ब्रोकरों ने फर्जीवाड़ा कर बेचा, अब प्रशासन चलाएगा बुलडोजर
नदियों की धार की जमीन पर खड़े हुए आलीशान भवन
पूर्णिया शहर से होकर गुजरी नदी, धार, नालों का अतिक्रमण कर उस पर बड़े-बड़े आलीशान भवन खड़ा कर लिया गया हैं। इसकी वजह से नगर वासियों को हल्की बारिश में भी जल जमाव की समस्या से जूझना पड़ता है। यह आने वाले समय के लिए चेतावनी भी है कि अगर अधिक वर्षा हुई या सैलाब आया तो नगर वासियों को भारी तबाही का सामना करना पड़ सकता है। शहर का प्रमुख नाला लालगंज नाला शहर के उत्तरी छोर से दक्षिणी छोर तक जाती है। यह शहर का प्रमुख नाला है जो जल निकासी का प्रमुख नाला है। इसके अलावा भगेलू साह नाला नवरतन हाता से नया टोला, बाड़ी हाट होकर माधोपाड़ा कब्रिस्तान के बगल से बायपास की तरफ जाती है। इसमें शहर के कई नाले आकर मिलते हैं लेकिन इसे जगह-जगह अतिक्रमित कर लिया गया है जिससे जल निकासी बाधित होती है।
वहीं मनुषमारा धार खुश्कीबाग होकर गुजरती है जो कई नालों का पानी लेकर गंतव्य तक जाती है। जबकि नरकटियागंज धार से मधुबनी क्षेत्र के पानी की निकासी होती है। उक्त सभी नाले का बुरी तरह से अतिक्रमण कर कहीं व्यवसायिक भवन तो कहीं आवासीय भवन बना लिया गया है। सबसे हैरत की बात तो यह है की नदी की धार एवं नाले की जमीन को जमीन ब्रोकरों द्वारा खतियानी जमीन बताकर लाखों की राशि में बेच दिया गया है। कई लोगों ने अपने जीवन की गाढ़ी कमाई लगाकर ना केवल इस जमीन को खरीदा है बल्कि उस पर उनके द्वारा अपना सिर छिपाने के लिए आवास भी खड़ा कर दिया गया है।
सिटी नक्शा के अनुसार सरकारी जमीन पर चलेगा बुलडोजर
जिलाधिकारी से मिली जानकारी अनुसार शहरी क्षेत्र की सौंदर्यीकरण एवं यातायात को सुगम बनाने के लिए सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने का कार्य नगर निगम एवं जिला प्रशासन द्वारा लगातार अभियान चला कर किया जा रहा है। इसी कड़ी में अब नाला को भी अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। इसके तहत भगेलू साह नाला में सोफिराय के घर से छठ पोखर रोड तक, माधोपाड़ा लाइन बाजार से माधोपाड़ा के आसपास तक अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा। वहीं पूर्णिया सिटी रोड पासवान चौक से पूरब दक्षिण मिलिया कान्वेंट के दक्षिणी दीवाल तक जो भी अतिक्रमण है उसे साफ कराया जाएगा।
इसके साथ ही मनुषमारा धार में मिलन पाड़ा पुल के पास से अतिक्रमण हटाया जाएगा। जबकि नरकटियागंज धार को भी मोलवी टोला से थाना चौक तक अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। नगर निगम के अनुसार उक्त नाले की जमीन सिटी नक्शा के अनुसार सरकारी है, इसलिए इस पर कब्जा अवैध माना गया है। जिला प्रशासन ने सूचना जारी कर कहा है कि जिन लोगों द्वारा उक्त जमीन पर अतिक्रमण किया गया है वे शीघ्र अतिक्रमण हटा लें। यदि निर्धारित समय सीमा के अंदर अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो नगर निगम पूर्णिया द्वारा दंड के साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी।