शहरी स्लम आबादी के बीच हाउस टू हाउस होगा सर्वे
शहरी इलाके में स्लम आबादी किसी भी बीमारी के संक्रमण फैलाव के लिहाज से काफी कमजोर कड़ी होती है। कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए इस सघन आबादी और जागरुकता की कमी भी अमुमन देखी जाती है। कोरोना फैलाव को इस बस्तियों में रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग पहले से ही सतर्क है। इन बस्तियों में कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए रैंडम सैंपल कलेक्शन किया जा रहा है।
पूर्णिया। शहरी इलाके में स्लम आबादी किसी भी बीमारी के संक्रमण फैलाव के लिहाज से काफी कमजोर कड़ी होती है। कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए इस सघन आबादी और जागरुकता की कमी भी अमुमन देखी जाती है। कोरोना फैलाव को इस बस्तियों में रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग पहले से ही सतर्क है। इन बस्तियों में कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए रैंडम सैंपल कलेक्शन किया जा रहा है। इसके लिए शहरी आबादी के आसपास मंडी और अन्य सघन बस्तियों ने लोगों का कोरोना जांच के लिए सैंपल कलेक्शन किया जा रहा है। अब अरबन पीएचसी के माध्यम से इन बस्तियों में सर्वे का काम होगा। ऐसे लोग जो पहले से ही किसी बीमारी के शिकार हैं। मसलन मधुमेह, रक्तचाप, अस्थमा, कैंसर आदि से ग्रसित हैं तो वैसे लोगों में कोरोना संक्रमण जानलेवा भी हो सकता है। इस आबादी में आम तौर इन बीमारियों को लेकर जागरूकता का भी अभाव रहता है। उन्हे इस बीमारी की पहले से कोई जानकारी भी नहीं होती है। इसको ध्यान में रखते हुए आशा कार्यकर्ता शहरी पीएचसी क्षेत्र में आने वाली आबादी के घर-घर सर्वे करेंगी। इसके लिए टीम गठित किया गया है। इन बीमारियों के पूर्व जानकारी के बारे में पूछा जाएगा और 35 से अधिक उम्र के सभी मरीजों का मधुमेह और रक्तचाप की जांच पीएचसी में की जाएगी। उसके बाद उनका आंकड़ा तैयार किया जाएगा और नियमित फोलोअप किया जाएगा। लोगों को कोरोना काल में अपनी सुरक्षा कैसे रखेंगे इसकी भी जानकारी भी दी जाएगी। इससे पहले भी हाउस टू हाउस सर्वे किया गया था। जिसका आंकड़ा सभी पीएचसी में उपलब्ध है। उस दौरान चिन्हित गैर संक्रामक रोगी का अब फोलोअप होगा और नए रोगी की पहचान होगी। जिले में छह अरबन पीएचसी का संचालन अभी किया जा रहा है। मधुबनी, खुश्बकीबाग, पूर्णिया सिटी, माता स्थान सिपाही टोला, माधोपाड़ा शामिल हैं। दरअसल यह सभी पीएचसी झुग्गी बसावट के पास ही स्थित है। शहरी पीएचसी का संचालन भी इसी आबादी को फोकस कर प्रारंभ किया गया था। अभी किसी भी पीएचसी में लॉकडाउन के बाद से ओपीडी सेवा प्रारंभ नहीं की गई है। यहां स्क्रीनिग की पूरी व्यवस्था मौजूद है। सभी पीएचसी में चिकित्सक और एएनएम भी नियुक्त हैं। टीकाकरण, नियमित बैठक, सर्वे और प्रारंभिक जांच यहां पर की जाती है। अब पीएचसी के माध्यम से स्लम आबादी को कोरोना से बचाने के लिए सचेत किया जाएगा। उनकी काउंसेलिग भी पीएचसी में की जाएगी। इसके माध्यम से कोरोना से लड़ाई अधिक सुव्यवस्थित होगी।