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किसानों को राहत पहुंचा गई बे मौसम बारिश

पूर्णिया। दो दिनों की बेमौसम बारिश ने किसानों के चेहरे की चमक बढ़ा दी है। दो दिनों से

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 09:49 PM (IST)Updated: Sat, 09 Feb 2019 09:49 PM (IST)
किसानों को राहत पहुंचा गई बे मौसम बारिश

पूर्णिया। दो दिनों की बेमौसम बारिश ने किसानों के चेहरे की चमक बढ़ा दी है। दो दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश ने रबी फसल को काफी लाभ पहुंचाया है। मौसम विभाग से मिली जानकारी अनुसार दो दिनों में 21.2 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है जो गेहूं, मक्का व तिलहन के लिए काफी लाभदायक माना जा रहा है। बारिश से तापमान में भी गिरावट आई है। लगातार बढ़ रहे तापमान पर बारिश ने ब्रेक लगा दी है। शनिवार को अधिकतम तापमान गिरकर 18.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 12.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगर तिब्बत में आए पश्चिमी विक्षोभ का रुख बिहार की ओर नहीं हुआ तो रविवार से मौसम साफ हो सकता है, लेकिन तापमान में गिरावट होगी।

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शुक्रवार की रात हुई 18 मिमी वर्षा

शुक्रवार से मौसम का बदला मिजाज शनिवार को बिगड़ गया। शुक्रवार को दिन में रुक-रुक कर हल्की बारिश हुई पर आधी रात से बारिश ने जो जोर पकड़ा। शनिवार को भी दिनभर रुक-रुक कर बारिश होती रहीा। शुक्रवार को 2.8 मिमी बारिश रिकार्ड की गई थी, लेकिन रात में हुई जबर्दस्त बारिश से सुबह आठ बजे तक वर्षा का रिकार्ड 18 मिमी पहुंच गया। शनिवार को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक 3.2 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। यानि दो दिनों में जिले में 21.2 मिमी वर्षा हुई जो रबी के लिए संजीवनी साबित हुई है।

किसानों को हुई भारी बचत

मानसून में भी सामान्य से कम बारिश होने एवं सर्दी में भी शुष्कता बढ़ने से खेतों में नमी की कमी हो गई थी। इसका प्रभाव रबी फसल पर पड़ रहा था। जिले में रबी में सबसे अधिक खेती मक्का की गई है। लगभग 60 हेक्टेयर में किसानों ने मक्का की खेती की है। जबकि गेहूं 1800 हेक्टेयर एवं तेलहन आदि की फसल भी उससे कम रकवा में की गई है। नमी की कमी से उक्त फसल में किसानों को सिंचाई में अधिक खर्च करना पड़ रहा था। लेकिन बारिश से अब खेतों में अलग से पटवन की आवश्यकता नहीं रह गई है जिससे किसानों को महंगे डीजल पर अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा।

फसलों की जड़ तक पहुंचा पानी

शुक्रवार को बारिश की मात्रा 2.8 मिमी थी। बीपीएस कृषि कॉलेज के वैज्ञानिक पंकज कुमार के अनुसार इस बारिश से जमीन में करीब चार सेमी नीचे तक नमी गई थी। जबकि गेहूं की जड़ 15 सेमी और मक्का की जड़ 25 सेमी तक होती है। यानि शुक्रवार की बारिश से बहुत अधिक फायदा फसलों को नहीं मिलता लेकिन दो दिनों की बारिश ने रबी फसलों की जड़ तक पानी पहुंचा दिया है। साथ ही इस वर्षा के पानी मे नाइट्रोजन की मात्रा भी होती है जो फसल के लिए काफी लाभदायक है। इससे फसलों के पैदावार में बढ़ोतरी होने की संभावना है।


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