रेणु ने अपनी लेखनी से पूर्णिया अंचल को वैश्विक पहचान दिलाई
पूर्णिया। कथा शिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु की जन्मशताब्दी के मौके पर पूर्णिया विवि के स्नातकोत्तर
पूर्णिया। कथा शिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु की जन्मशताब्दी के मौके पर पूर्णिया विवि के स्नातकोत्तर हिदी विभाग की ओर से राष्ट्रीय वेबिनार का आयेाजन किया गया। इसका विषय था रेणु साहित्य विमर्श। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विवि के कुलपति प्रो. आरएन यादव ने की। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने रेणु साहित्य के सामाजिक संदर्भ और मर्म की चर्चा करते हुए कहा कि रेणु ने मैला आंचल से हिदी साहित्य में हलचल ला दिया। प्रेमचंद की परंपरा को आगे बढ़ाया और साहित्य जगत में अपना स्थान बनाया। मुख्य वक्ता तिलकामांझी भागलपुर विवि के हिदी विभाग के प्रो बहादुर मिश्र ने रेणु के कथेतर गद्य एवं पद्य पर प्रकाश डाला। कहा कि उन्होंने अपने साहित्य का आरंभ कविता से किया। वे नाटककार एवं रंगकर्मी भी थे। रेणु के काव्य गुरू द्विज देणी तिवारी थे। उनके प्रेरणा से ही रेणु ने साहित्य में कदम रखा। उनकी कुल 30 कविताएं हैं, जिनमें 28 हिदी, एक बंगला एवं एक मैथिली में है।
अतिथि वक्ता विश्व शांति निकेतन हिदी भवन के प्रो मुक्तेश्वर नाथ तिवारी ने रेणु के मैला आंचल को उपन्यासस शिल्प का सरताज बताया और कहा कि वे कथा साहित्य में यथार्थ के सबसे निकट के कथाकार थे। उन्होंने ग्रामीण के सच्चे यथार्थ का वर्णन किया। इस मामले में रेणु के पहले या बाद में कोई नहीं हुए। उनके रिपोर्टाज सबसे प्रभावी हैं। इन्होंने रेणु के यथार्थ को फ्रांसिस कथाकार जोला आदि से जोड़ कर देखा।
अतिथि वक्ता पूर्णिया महिला कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ संजय कुमार सिंह ने रेणु की कथाशिल्प और पाठ-प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। कहा प्रेमचंद्र के बाद रेणु सबसे बड़े कथाकार हैं। इनकी रचनाएं हमारे समय का आईना है। हिदी विभागाध्यक्ष डॉ कामेश्वर पंकज ने कहा कि कथा शिल्पी रेणु ने अपनी लेखनी से पूर्णिया अंचल को पूरी दुनिया में वैश्विक पहचान दिलाई। हम समस्त भारतीयों को रेणु पर गर्व है।
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कुलपति ने किया उद्घाटन
वेबीनार का उद्घाटन कुलपति प्रो. राज नाथ यादव एवं मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. मिथिलेश मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर किया। विभागाध्यक्ष डॉ कामेश्वर पंकज, प्राध्यापक प्रेरणा एवं पुरंदर दास ने पुष्पगुच्छ और लेखनी अर्पित कर कुलपति एवं संकायाध्यक्ष का स्वागत किया। स्वागत भाषण में विभागाध्यक्ष डॉ पंकज ने कुलपति की प्रेरणा और मार्गदर्शन को नमन किया साथ ही संकायाध्यक्ष, मुख्य वक्ता, अतिथि वक्ता एवं समस्त सहभागीयों का स्वागत किया। कहा कि इनके सम्मान में पूरी हिदी विभाग करबद्ध खड़ा है। वेबीनार के अंत में धन्यवाद ज्ञापन हिदी विभाग के प्राध्यापक डॉ अनामिका सिंह और मंच संचालन डॉ. वंदना भारती ने किया। तकनीकी संचालन संजीत कुमार गुप्ता एवं सुरज कुमार ने किया। वेबीनार के समस्त आयोजन में विभागाध्यक्ष सहित डॉ. पुरंदर दास, डॉ, अनामिका सिंह, डॉ. वंदना भारती, संजीत कुमार गुप्ता, प्रेरणा ने पूरा सहयोग किया।