मुफस्सिल थाना अध्यक्ष को लापरवाही के आरोप में एसपी ने किया लाइन हाजिर
मनीषा हत्याकांड की जांच में मुफस्सिल पुलिस द्वारा लापरवाही बरते जाने एवं झोवा छाप चिकित्सक से थाने में काम कराने के मामले में मुफस्सिल थानाध्यक्ष पर कार्रवाई की गाज गिरी है। एसपी दयाशंकर ने थानाध्यक्ष दिनेश प्रसाद को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। मनीषा हत्याकांड की जांच में मुफस्सिल पुलिस द्वारा लापरवाही बरते जाने एवं झोवा छाप चिकित्सक से थाने में काम कराने के मामले में मुफस्सिल थानाध्यक्ष पर कार्रवाई की गाज गिरी है। एसपी दयाशंकर ने थानाध्यक्ष दिनेश प्रसाद को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा एसपी ने 167 का लाभ आरोपित को देने के मामले में जानकारीनगर थानाध्यक्ष सुभाष मंडल को भी निलंबित कर दिया है। सुभाष मंडल जब भवानीपुर के थानाध्यक्ष रहते हुए हत्या के एक मामले में आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद उनके द्वारा 90 दिनों के अंदर आरोपित के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र नहीं दिया गया। जिस कारण हत्या के मामले के आरोपित को न्यायालय ने जमानत दे दी। मुफस्सिल थानाध्यक्ष दिनेश कुमार को लाइन हाजिर करने के बाद संजय कुमार सिंह नए मुफस्सिल थानाध्यक्ष बनाए गए हैं। वे पूर्व में सहायक खजांची थानाध्यक्ष थे। वहीं के हाट में रहे रंजीत महतो को सहायक खजांची का नया थानाध्यक्ष बनाया गया है। गौरतलब हो की मुफस्सिल थानाध्यक्ष की लापरवाही का खुलासा दैनिक जागरण ने प्रमुखता से किया था। इसमें मनीषा हत्याकांड की जांच में बरती जा रही लापरवाही सहित पापड़ लूट कांड एवं झोला छाप चिकित्सक से थाने में काम लेना प्रमुख मामला था।
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दो दिन पूर्व एसपी ने की थी मुफस्सिल थानाध्यक्ष के कार्य की समीक्षा
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मुफस्सिल थानाध्यक्ष के कार्य की समीक्षा के बाद पूर्णिया एसपी ने भी मान लिया था की यहां लंबित मामलों की जांच में लापरवाही बरती जा रही है। समीक्षा में यह बात सामने आई थी की हत्या की घटना के 40 दिनों के बाद भी इस मामले के एक मात्र नामजद आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा न्यायालय सं वारंट हासिल करने के लिए आवेदन तक नहीं देने के मामले को एसपी ने बड़ी लापरवाही माना था। मुफस्सिल थाना क्षेत्र में पांच दिसंबर को मनीषा का शव बरामद किया गया। शव की पहचान मनीषा की सात साल की बेटी खुशी के द्वारा किया गया। इस मामले में मासूम खुशी के बयान पर मो. शम्स नामक युवक को इस मामले का आरोपित बनाया। बेगुसराय की मूल निवासी मनीषा सिंह ने 2013 में साथ पढ़ने वाले बेगुसराय के ही शिव कुमार मिश्रा से प्रेम विवाह किया था। दोनों की जिदगी मजे में कट रही थी। इस दौरान मनीषा ने एक बच्ची को भी जन्म दिया, जो अब सात वर्ष की हो चुकी है। इधर चार वर्ष पूर्व निजी मामलों को लेकर दोनों में दरार पैदा हो गया। समझा यह जा रहा है कि इस विवाद का जड़ उक्त शम्स नामक व्यक्ति ही है, जो अनायास ही मनीषा की जिदगी में टपक पड़ा था और आखिरकार उसकी हत्या का सूत्रधार भी बन गया। वहीं कृष्ण मोहन भगत जो की एक झोला छाप चिकित्सक हैं के द्वारा लंबे समय से सिरिस्ता के काम करने के मामले को भी एसपी ने जांच के दौरान काफी गंभीर माना एवं आखिरकार मुफस्सिल थानाध्यक्ष पर कार्रवाई की गाज गिरी।
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मनीषा हत्याकांड में मुफ्फसिल पुलिस की लापरवाही सहित झोला छाप चिकित्सक से थाने में काम कराने के मामले में लापरवाहीउजागर हुई है, इस मामले में मुफस्सिल थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
दयाशंकर, एसपी पूर्णिया