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संक्रमण से उपजी चुनौती से निकली रोजगार की राह

जहां चाह वहां राह वाली कहावत आज पूर्णिया में चरितार्थ हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 11:30 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 11:30 PM (IST)
संक्रमण से उपजी चुनौती से निकली रोजगार की राह
संक्रमण से उपजी चुनौती से निकली रोजगार की राह

पूर्णिया। जहां चाह वहां राह वाली कहावत आज पूर्णिया में चरितार्थ हो रही है। कोरोना संक्रमण के दौरान जब बड़ी संख्या में यहां के लोग बेरोजगार होकर अपने घर लौटे तो उनके हाथों को काम उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती बनी हुई थी, लेकिन जिला प्रशासन ने इस चुनौती को स्वीकार किया और घर में ही उन लोगों को काम देने का संकल्प लिया। परिणामस्वरूप कई छोटे-मोटे, सरकारी-गैर सरकारी व कलस्टर आधारित उद्योगों को शुरू कर लोगों को रोजगार की राह दिखाई। जिला प्रशासन, जीविका सहित यहां के लोगों के सहयोग से आज यहां कई लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम कोटि के उद्योग फलफुल रहे हैं।

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पारंपरिक उद्योगों ने आसान की रोजगार की राह

लॉकडाउन अनलॉक होने के बाद जिले में एक साथ अधिक लोगों को रोजगार देने के लिए यहां पारंपरिक उद्योगों को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय की स्फूर्ति परियोजना के तहत देश के सबसे बड़े जूट और नेचुरल फाइबर क्लस्टर का निर्माण पूर्णिया में स्थापित किया। कलस्टर के माध्यम से जूट और केले के रेशे से घरों में प्रयोग होने वाली विभिन्न वस्तुओं का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए बाइपास स्थित उफरैल में प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र की स्थापना के लिए सुविधा केंद्र की स्थापना की जाएगी। वहां भवन एवं उद्योग केंद्र का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। अप्रैल माह से वहां प्रशिक्षण एवं उत्पादन का कार्य शुरू हो जाएगा। इस परियोजना के शुरू हो जाने से सीधे तौर पर यहां एक हजार से अधिक लोगों को काम मिलने लगेगा। गरीबी उन्मूलन की दिशा में यह काफी उपयोगी साबित होगा।

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लेदर बैग निर्माण के लिए लगाई गई मशीन

जिले के कसबा प्रखंड में लेदर बैग निर्माण का काम शुरू किया जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान उक्त उद्योग के हुनर वाले लोगों को यहां काम उपलब्ध कराए जाने की तैयारी है। बैग उत्पादन एवं उसकी मार्केटिग की पूरी तैयारी कर ली गई है। कसबा के लखना पंचायत में फिलहाल बैग बनाने के लिए 6 मशीन लगाई गई है। हालांकि अभी वहां काम शुरू नहीं हो पाया है लेकिन तैयारी अंतिम चरण में है। उक्त उद्योग के संचालन की जिम्मेदारी जीविका को दी गई है। जल्द ही वहां बैग निर्माण का काम शुरू हो जाएगा जिसमें डेढ दर्जन से अधिक लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा तथा मार्केटिग के काम में भी कई लोग लगाए जा सकेंगे।

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शुरू किया गया है रेडिमेड गार्मेंट्स का कार्य

रोजगार का एक अन्य बड़ा साधन रेडिमेड गार्मेट्स उद्योग डगरूआ प्रखंड में संचालित किया गया है। वहां टौली पंचायत में 22 टेलरिग मशीन लगाई गई है। 28 अगस्त को वहां के मुृखिया एवं डीएम ने इसका उद्घाटन किया था। तब से वहां दो दर्जन से अधिक महिला व पुरूष काम कर रहे हैं। वहां बड़े पैमाने पर मास्क तैयार किए जा रहे हैं जिसकी सप्लाई जीविका के माध्यम से की जा रही है। मास्क के अलावा वहां रेडिमेड कपड़े, लेडिज एवं जेंट्स सूट आदि तैयार किया जा रहा है जिससे संबंधित लोगों को अच्छी कमाई हो रही है।

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धमदाहा में लगाया गया है बनाना प्लांट धमदाहा प्रखंड के राजघाट गरेल पंचायत में केला रेशा निष्कर्षण उद्योग स्थापित किया गया है। यहां केले के रेशे से धागा तैयार किया जाएगा जिसका उपयोग कपड़ा, कालीन व अन्य कार्यों के लिए किया जा सकेगा। यहां भी प्लांट स्थापित हो गया है तथा पूरी तरह संचालन के बाद दर्जनों लोगों को यहां रोजगार मुहैया होगा। इसके अलावा कई सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के जरिए जिले में जरूरतमंद लोगों को रोजगार मुहैया कराकर गरीबी उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं।


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