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सिंपी ने बेहतर प्रबंधन के बल पर सदर अस्पताल को सूबे में बनाया अव्वल

पूर्णिया। प्रबंधन का क्षेत्र काफी चुनौतीपूर्ण माना जाता है। इसके बावजूद इस क्षेत्र में नारी शक्ति धमक

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 11:18 PM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 11:18 PM (IST)
सिंपी ने बेहतर प्रबंधन के बल पर सदर अस्पताल को सूबे में बनाया अव्वल

पूर्णिया। प्रबंधन का क्षेत्र काफी चुनौतीपूर्ण माना जाता है। इसके बावजूद इस क्षेत्र में नारी शक्ति धमक और दबदबा अब मान्य तथ्य हो चुका है। शारदीय नवरात्र के मौके पर नारी शक्ति की आराधना हो रही है। ऐसे उन महिलाओं की खूबियों को रेखांकित करना लाजिमी है जो अपने घरेलू जिम्मेदारी इतर अन्य क्षेत्र में अपनी बखूबी अपनी भूमिका निभा रही हैं। सदर अस्पताल में बतौर अस्पताल प्रबंधक शानदार योगदान के लिए कई बार सम्मानित हो चुकी सिंपी कुमारी इसकी हकदार हैं। सिंपी अपने प्रबंधन के बल अपने लिए ही सम्मान और पुरस्कार अर्जित नहीं किया बल्कि अस्पताल को भी राज्यभर में पुरस्कृत किया है। सदर अस्पताल को मिलने वाले तमाम पुरस्कार या उपलब्धि के पीछे सिंपी के बेहतर प्रबंधन का ही प्रतिफल माना जा सकता है। हाल में आयुष्मान पुरस्कार में सदर अस्पताल पूरे सूबे में अव्वल रहा और इसके लिए यहां के आयुष्मान मित्र को पटना में उपमुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। इसके साथ ही सदर अस्पताल को मॉडल लेबर रूम के लक्ष्य प्रमाण पत्र हासिल हो चुका है इसके साथ ही प्लेटिनम पुरस्कार भी सूबे में प्रथम आने पर मिल चुका है। यह सब सिंपी कुमारी के बतौर अस्पताल प्रबंधक रहते हुए हासिल हुए हैं। पिछले वर्ष सदर अस्पताल को कायाकल्प पुरस्कार में सूबे में दूसरा स्थान मिला था। सरकारी अस्पताल में बतौर प्रबंधक यह उपलब्धि निश्चित रूप से काफी चुनौती पूर्ण माना जाएगा। अस्पताल के मॉडल लेबर रूम में प्रसव की संख्या खासी बढ़ोतरी सरकारी अस्पताल की विश्वसनीयता को प्रदर्शित करता है। प्रतिदिन एक दर्जन प्रसव और आधा दर्जन सिजेरियन यहां पर अब हो रहा है जो पहले की तुलना में कई गुणा अधिक है। सिंपी कुमारी अन्य उपलब्धियों में परिवार नियोजन में उनके योगदान के रूप में भी है। 2016 में परिवार नियोजन में सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए उन्हें बेस्ट काउंसेलर का पुरस्कार मिल चुका है। 2016 से वे सदर अस्पताल की प्रबंधक बनी है। बिहार स्टेट फेमिली प्लानिंग सम्मिट 2016 के अवसर पर चार जून को राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के कार्यपालक निदेशक के द्वारा इनको यह पुरस्कार मिला था। सिंपी कुमारी बताती हैं कि ग्रामीण पृष्ठभूमि की महिलाओं में कई तरह का भ्रम और जानकारी का अभाव रहता है। उन्हे गर्भनिरोधक उपायों के लिए तैयार करना आसान नहीं होता है। इससे पूर्व 2012 में ही बतौर काउंसेलर सिंपी ने परिवार नियोजन में योगदान देना शुरू कर दिया था। काउंसेलिंग का प्रतिफल हुआ कि परिवार नियोजन के उपायों में पीपीएस, एनएसबी, बंध्याकरण, पीपीआइयूसीडी और आइयूसी के अपनाने के लिए प्रेरित किया। पूर्णिया पिछले वर्ष 2018 में सूबे में परिवार नियोजन उपायों के लिए तैयार करने में अव्वल रहा था। अस्पताल प्रबंधक की देखरेख में सदर अस्पताल में बेहतर प्रबंधन और साफ सफाई रखने के लिए चर्चा के केंद्र में रही हैं। विभिन्न मौके पर जिलाधिकारी समेत स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी ने अस्पताल में संचालित होने वाली सेवाओं के लिए उनकी प्रशसा की है।

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