संक्रमित व्यक्ति के खांसने छींकने व थूकने से फैलती है टीबी : सीएस
पूर्णिया। स्थानीय सदर अस्पताल परिसर में सोमवार को यक्ष्मा रोग पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौक
पूर्णिया। स्थानीय सदर अस्पताल परिसर में सोमवार को यक्ष्मा रोग पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. कृष्ण मोहन पूर्वे ने कहा कि टीबी मुक्त जिला बनाने के लिए जागरुकता बहुत जरूरी है। जागरुकता के लिए जिला से लेकर ग्रामीण स्तर तक स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह एक संक्रामक रोग है। यह जीवाणु से फैलता है। टीबी संक्रमित व्यक्ति द्वारा खांसने, छींकने या थूकने से अन्य व्यक्ति में फैलती है। इस मौके पर काफी संख्या में डॉक्टर और कर्मी मौजूद थे। टीबी जांच एचआइवी के मरीज, मधुमेह रोगी, कुपोषित व्यक्ति, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति की जांच जरूरी है। डॉ. कृष्ण मोहन पूर्वे ने कहा कि अस्पताल में इसकी मुफ्त जांच की व्यवस्था है। कार्यशाला में बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी हो, बलगम में खून आने लगे, संध्या के समय बुखार हो, शरीर का वजन कम हो, भूख ना लगना आदि लक्षण आने पर अपने निकटम स्वास्थ्य केंद्र में बलगम की जांच अवश्य कराना चाहिए। एमडीआर रोगी के लिए भी डॉटस प्लस सुविधा लागू है। टीबी की दवा अनियमित सेवन करने से एमडीआर टीबी होने का खतरा रहता है। इस मौके पर जिले में टीबी रोगियों के आंकड़े का प्रदर्शित किया गया। सरकारी आंकड़े के मुताबिक 2018 में कुल 20885 संभावित टीबी रोगी के बलगम की जांच की गई थी। इसमें 1907 रोगी के बलगम में टीबी पॉजिटिव पाई गई। 2018 में विभाग ने 2611 टीबी रोगियों का इलाज का दावा किया है। जिले में वर्तमान समय में 27 केंद्रों में टीबी बलगम जांच की सुविधा उपलब्ध कराने का दावा विभाग द्वारा किया जाता है। इसी वर्ष 1829 संभावित एमडीआर रोगी की बलगम जांच की गई। इसमें 47 एमडीआर मल्टी ड्रग्स रेसिस्टेंस टीबी रोगी चिह्नित हुए। कार्यशाला में रोग से बचाव और रोकथाम के उपाय के बारे में भी जानकारी दी गई। रोग का पूर्ण इलाज करना जरूरी है। रोगी खांसते अथवा छींकते समय मुंह पर कपड़ा या रुमाल रखें, बच्चे के जन्म के बाद शीघ्र बीसीजी का टीका लगाना चाहिए। इस मौके पर डॉ. उपेंद्र तिवारी, डॉ. वीर कुंवर सिंह, डॉ. सुभाष चंद्र पासवान, डीएचएस के ब्रजेश कुमार, संजय कुमार दिनकर आदि उपस्थित थे।