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रेल बजट में कुरसेला-बिहारीगंज रेलवे लाइन को ले एक बार फिर जगी उम्मीद

पूर्णिया। आगामी एक फरवरी को बजट पारित होने की खबर से ही यहा के लोगों को एकबार फिर क

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 07:50 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 07:50 PM (IST)
रेल बजट में कुरसेला-बिहारीगंज रेलवे लाइन को ले एक बार फिर जगी उम्मीद
रेल बजट में कुरसेला-बिहारीगंज रेलवे लाइन को ले एक बार फिर जगी उम्मीद

पूर्णिया। आगामी एक फरवरी को बजट पारित होने की खबर से ही यहा के लोगों को एकबार फिर कुरसेला - बिहारीगंज रेलवे लाइन की आशा बलवती हो गई है तथा लोग बस अब बजट की टकटकी लगाए बैठे हैं।

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यह बता देना आवश्यक होगा कि एक ओर रेलवे एवं विकास के क्षेत्र में सबसे पिछडे़ क्षेत्र में अपने यहा के पूर्व रेल मंत्री स्वर्गीय ललित नारायण मिश्र द्वारा कल्पना ही नहीं, एक प्रोजेक्ट भी पेश किया गया था कि रेलवे लाइन बिछाकर उन्हें विकसित किया जाए। वहीं दूसरी ओर सौभाग्य से रामविलास पासवान, नीतीश कुमार एवं लालू प्रसाद यादव जैसे लोग भी रेल मंत्री बने, जिनके द्वारा इस रेलवे परियोजना को तो आगे नहीं बढ़ाया गया। परंतु इसपर वोट की राजनीति जरूर की गई। दुर्भाग्य कहे कि इस रेलवे परियोजना पर तो उसी दिन ग्रहण लग गया था, जब पूर्व रेल मंत्री की हत्या कर दी गई थी। सबसे पिछड़ा कहे जाने वाले क्षेत्र मधेपुरा का उदाकिशुनगंज अनुमंडल, पूर्णिया का धमदाहा अनुमंडल परिक्षेत्र एवं कटिहार का कुरसेला परिक्षेत्र जो यातायात के दृष्टिकोण से आज भी इसके कई क्षेत्र रिमोट क्षेत्र में आते हैं, को रेलवे की राह से विकसित करना था। स्व0 मिश्र की परिकल्पना थी कि अगर कुरसेला बिहारीगंज रेलवे लाइन बन जाती है तो इस क्षेत्र का समुचित विकास होना शुरू हो जाएगा तथा पूरा सीमाचल रेलवे से जुड़ जाएगा। जब लालू प्रसाद यादव रेलमंत्री बने तो यहा के लोगों की काफ ी अपेक्षा हुई थी कि वे माटी के लाल हैं तथा वे इस रेलवे परियोजना को जरूर आगे बढ़ाएंगे। वर्ष 2008 के अगस्त से इस परियोजना के निर्माण की दिशा में कार्य आरंभ भी हो गया। कुरसेला से बिहारीगंज तक सर्वे हुआ तथा जगह-जगह लगभग सौ-सौ मीटर पर रेलवे लाइन के लिए पिलर भी गाडे गये। इस रेलवे परियोजना के निर्माण के लिए रेलमंत्री ने 7 फरवरी 2009 को इस रेलवे परियोजना का शिलान्यास रूपौली में किया। इसके पूर्व जब रामविलास पासवान रेलमंत्री बने थे तब उन्होंने कुरसेला में 1999 में इस योजना की आधार शिला रखी थी। लेकिन अब तक लोग इस ओर हर बार आने वाले रेल बजट की ओर टकटकी लगाए रहते हैं की शायद इस बार के बजट में इस योजना के लिए राशि आवंटित कर दी जाए।

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हर्ट लाइन है यह योजना : जिप अध्यक्ष

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अपनी प्रतिक्रिया देते हुए जिप अध्यक्ष क्राति देवी कहती हैं कि उनके विधान सभा क्षेत्र के लिए कुरसेला बिहारीगंज रेल लाईन हर्ट लाईन के समान है । स्व. ललित नारायण मिश्र की सच्ची श्रद्धाजलि तभी सही रूप में मानी जानी चाहिए जब उनके इस रेल परियोजना को धरातल पर उतारा जाए ।

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हर हाल में हो योजना पूरी

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इस बात पर मतेली खेमचंद के मुखिया अजय कुमार कहते हैं कि इसका बनना जरूरी है। इसके बनने से विकास के नए दरवाजे खुलेंगे।

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किसी ने नहीं ली सुधि

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जिप सदस्य सोनी देवी कहती हैं कि एक ओर सौभाग्य कहें कि यहा से लगातार तीन-तीन रेल मंत्री बने परंतु कभी किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया बल्कि लोगों को इसी बहाने वोट की राजनीति करते रहे।

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सपनों को साकर करने के लिए बनना जरूरी

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सामाजिक कार्यकर्ता शमशेर बहादूर सिंह कहते हैं कि सरकार को चाहिए कि ललित नारायण मिश्र के सपनों को कुरसेला बिहारीगंज रेलवे लाईन बनाकर उनके सपने को साकार करे ।

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ठगने का किया काम

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सामाजिक कार्यकत्र्ता कुंदन कुमार कहते हें कि स्व मिश्र के सपनों के साथ यहां के रेल मंत्रियों ने सिर्फ राजनीतिक रोटिया सेंकी तथा कोरे आश्वासन देकर क्षेत्र के लोगों को ठगने का काम किया।

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पूरी हो लोगों की उम्मीद

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धूसर टीकापटी की मुखिया शाति देवी कहती हैं कि मोदी सरकार से उन्हें अपेक्षा है कि वह इस रेल परियोजना को साकार रूप देंगे तथा यहा के लोगों की आकाक्षा को पूरा करेंगे ।

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इसके बिना विकास की बात बेमानी

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सामाजिक कार्यकत्र्ता मनोज जायसवाल कहते हैं कि सडक मार्ग चाहे जितना बन जाए, जबतक रेल नहीं चलती है, तबतक समुचित विकास की कल्पना बेमानी है। रेलवे रोजगार सृजन के साथ-साथ समुचित विकास भी होता है।


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