टीईटी पर कार्यरत शिक्षकों का राज्य स्तर पर तैयार होगा डाटा,
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना के एसपी ने प्रदेश के सभी जिले के डीपीओ स्थापना (शिक्षा विभाग) से वर्ष 2012 से जून 2015 तक टीइटी प्रमाण पत्र पर नियोजित कार्यरत शिक्षकों का ब्योरा मांगा है। ताकि इसके आधार पर राज्यस्तर पर एक डाटा तैयार कर प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक ही टीइटी प्रमाण पत्र पर कार्यरत फर्जी शिक्षकों का पता लगाया जा सके।
पूर्णिया: निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना के एसपी ने प्रदेश के सभी जिले के डीपीओ स्थापना (शिक्षा विभाग) से वर्ष 2012 से जून 2015 तक टीईटी प्रमाण पत्र पर नियोजित कार्यरत शिक्षकों का ब्यौरा मांगा है। ताकि इसके आधार पर राज्य स्तर पर एक डाटा तैयार कर प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक ही टीईटी प्रमाण पत्र पर कार्यरत फर्जी शिक्षकों का पता लगाया जा सके। इसके लिए निगरानी के एसपी ने सभी डीपीओ स्थापना को पत्र के साथ एक फॉर्मेट उपलब्ध कराया गया है। इसमें बने14 अलग-अलग कॉलम में ऐसे शिक्षकों से संबंधित पूरी जानकारी यथा नियेाजन इकाई का नाम, शिक्षकों का नाम, पिता/पति का नाम, पदस्थापना विद्यालय का नाम, जन्मतिथि, बीईटीइटी 2011 का रौल नंबर, सर्टिफिकेट नंबर का सीरियल, सीटीईटी का रौल नंबर एवं वर्ष, सीरियल नंबर, वेतन निकासी के बैंक का नाम एवं खाता संख्या, प्रथम वेतन निकासी की तिथि, प्रथम वेतन निकासी करने वाले नियोजन इकाई के पदाधिकारी का नाम व पदनाम और वर्तमान पदस्थापना और प्रथम वेतन निकासी करने वाले डीपीओ स्थापना व आदेश देने वाले का नाम व पदनाम तथा वर्तमान पदस्थापना मांगी गई है।
डीपीओ को कार्यरत शिक्षकों की यह सूची वेतन विवरणी, अनुपस्थिति विवरणी के अनुसार एवं वैसे शिक्षकों का विवरण भी देना होगा, जिनके विरूद्ध टीईटी 2011 का प्रमाण पत्र फर्जी होने के कारण निगरानी के पदाधिकारी द्वारा कांड दर्ज कराया गया है। यह विवरणी हार्ड एवं सॉफ्ट कॉपी (सीडी) में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। जिले में टीईटी प्रमाण पत्र पर बहाल लगभग 1946 शिक्षक हैं। जो पंचायत से लेकर प्रखंड, नगर निगम और नगर पंचायत में नियोजित हैं।
जिलावार टीईटी रिजल्ट से होता है मिलान :
शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिले को टीईटी रिजल्ट का सीडी उपलब्ध कराया गया है। जिसके आधार पर जिले में नियोजित शिक्षकों के टीईटी प्रमाण पत्रों की जांच की जाती है। चूंकि एक ही प्रमाण पत्र पर एक ही नाम से कई शिक्षक विभिन्न जिलों में कार्यरत हैं। जिला स्तर पर जांच में ऐसे शिक्षकों का पता तो चल जाता है लेकिन उसी प्रमाण पत्र पर दूसरे जिले में कार्यरत फर्जी शिक्षकों का पता नहीं चल पाता है। कार्यरत शिक्षकों का राज्य स्तर पर डाटा तैयार हो जाने पर एक ही नाम और पता से दूसरे जिलों में कार्यरत शिक्षकों का पता आसानी से चल सकेगा।
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177 शिक्षकों पर हुई है कार्रवाई---
जिले में पिछले दो वर्षों में फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल 177 शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है। इसमें तीन शिक्षक जांच को बाद सेवामुक्त भी किया गया है वहीं 174 शिक्षकों का वेतन बंद है और इन पर सेवामुक्त की कार्रवाई समेत वेतन मद में प्राप्त राशि की वसूल के लिए संबंधित नियोजन इकाई को पत्र लिखा जा चुका है। सेवामुक्त शिक्षकों में बबीता कुमारी, पंचायत शिक्षक विनोद कुमार और प्रीति कुमारी शामिल हैं।
अगस्त 2018 में निगरानी विभाग से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर 22 फर्जी शिक्षकों के विरूद्ध कार्रवाई के साथ-साथ सेवामुक्त करने और वेतन मद में ली गई राशि की वसूली का आदेश दिया गया था। रूपौली में 53 फर्जी शिक्षक और बनमनखी में 96 शिक्षकों के विरूद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया गया था। इसमें बनमनखी में फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल 29 प्रखंड शिक्षकों को सेवामुक्त किया गया है।