अनुमंडलीय अस्पताल में टॉर्च की रोशनी में मरीजों का होता है इलाज
पूर्णिया। नीति आयोग की संयुक्त सचिव और जिलाधिकारी ने 12 जुलाई को जिस अनुमंडलीय अस्पताल का ि
पूर्णिया। नीति आयोग की संयुक्त सचिव और जिलाधिकारी ने 12 जुलाई को जिस अनुमंडलीय अस्पताल का निरीक्षण करते हुए अस्पताल में व्याप्त कुव्यवस्थाओं पर अस्पताल प्रबंधक को कड़ी फटकार लगाते हुए सुधार लाने का सख्त निर्देश दिया था। उसी अनुमंडलीय अस्पताल में निरीक्षण के एक दिन बाद यानी 13 जुलाई की रात्रि गोलीकांड में घायल हुए सीएसपी संचालक का इलाज मोबाइल और टॉर्च की रोशनी में किया गया।
बताते चले कि 13 जुलाई की देर शाम अपराधियों ने ईटहरी गांव के सीएसपी संचालक को लूट में असफल होने के बाद गोली मार दी थी। जिसके बाद उन्हें पुलिस द्वारा अनुमंडलीय अस्पताल धमदाहा के आपातकालीन वार्ड में भर्ती करवाया गया था। जहां उनका इलाज टॉर्च की रोशनी में डॉक्टरों को करना पड़ा। इस पूरे मामले पर स्थानीय लोगों सहित घायल सीएसपी संचालक के परिजन ने आपत्ति जताते हुए बताया कि मरीजों को समुचित स्वास्थ्य लाभ देने के नाम पर जिस अस्पताल पर सरकार लाखों रुपये हर महीने खर्च करती है उस अस्पताल में रोशनी की समुचित व्यवस्था तक रोगियों को नसीब नहीं हो पाती है तो इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां रोगियों का किस तरह से इलाज किया जाता होगा।