सड़कों का जाल, बेहिसाब ट्राफिक जंजाल
पूर्णिया। शहर की ट्राफिक व्यवस्था के नीति-निर्धारण के लिए यातायात विभाग को संसाधन की कमी है। राष्ट्र
पूर्णिया। शहर की ट्राफिक व्यवस्था के नीति-निर्धारण के लिए यातायात विभाग को संसाधन की कमी है। राष्ट्रीय राज मार्ग और स्टेट हाईवे के जाल पर बसे पूर्णिया में यातायात व्यवस्था का सुसंचालन नहीं हो पा रहा है। दिन-प्रतिदिन सड़क पर वाहनों के बढ़ते दबाव को व्यवस्थित करने की दिशा में कोई काम होता नहीं दिख रहा है। जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक की सड़कों पर लोग सड़क दुर्घटना और सड़क जाम की समस्या से जूझ रहे हैं। व्यवस्था में सुधार नहीं होने से आए दिन सड़क दुर्घटना में लोगों की जान जा रही है। पुख्ता प्लान और संसाधन की कमी से शहर के सभी चौक-चौराहे पर जाम की समस्या से लोगों को रूबरू होना पड़ रहा है। आरएनसाह चौक स्थित छोटे कमरे में बने यातायात थाना से यातायात कंट्रोल किया जाता है।
यातायात सिपाही का है अभाव
शहर में यातायात कंट्रोल करने के लिए यातायात विभाग में सिपाही की संख्या बल कम है। सुबह नौ बजे से शाम सात बजे तक के शिफ्ट में सिपाही चौक-चौराहे पर तैनात रहकर यातायात कंट्रोल करते हैं। यातायात कंट्रोल के लिए शहरी क्षेत्र में 63 सिपाही विभिन्न चौक-चौराहे पर तैनात रहते हैं। इसके बावजूद शहर के कई प्रमुख चौक-चौराहे और संवेदनशील स्थलों पर सिपाही की कमी है। यातायात इंचार्ज रवीश रंजन बताते हैं कि पुलिस बढ़ने के बावजूद जीरो माइल, नेवालाल चौक, मरंगा मोड़, रामबाग चौक, सिटी पुलिस, खुश्कीबाग ओवरब्रिज के नीच आदि जगहों पर परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि यातायात व्यवस्था सु²ढ़ करने के लिए 40-45 पुलिस बल की अभी और आवश्यकता है।
सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक लगता है जाम
सड़क पर जाम की समस्या को झेलना लोगों की दिनचर्या में शामिल है। शहर में प्रतिदिन सुबह के नौ बजे से रात के नौ बजे तक शहर के सभी चौक-चौराहे पर जाम की समस्या रहती है। इस समस्या से लोग त्रस्त रहते हैं। दफ्तर जाने के लिए निकले लोगों की भीड़ के कारण सुबह नौ बजे ही चौक-चौराहे पर जाम लगने लगता है। शहर के लाइन बाजार चौराहा, गिरिजा चौक, बस स्टैंड, मधुबनी बाजार, कटिहार मोड़, खीरू चौक, आस्था मंदिर चौक पर भीषण जाम लगता है।
मॉडर्न थाना बनाने का प्रस्ताव अटका
जिले में मॉडर्न थाना बनाकर यातायात कंट्रोल करने का प्रस्ताव अधर में लटका हुआ है। इसके लिए 2016 के जुलाई में तत्कालीन डीआइजी उपेन्द्र कुमार सिन्हा ने मॉडर्न थाना बनाने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा था। मुख्यालय द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद भी अब तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है।