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अविश्वास प्रस्ताव: किले में सेंधमारी का हो रहा प्रयास

पूर्णिया। यूं तो मेयर को लेकर आए अविश्वास प्रस्ताव के बाद से ही दोनों ही पक्ष जीत के लिए आवश्यक

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 10:42 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 10:42 PM (IST)
अविश्वास प्रस्ताव: किले में सेंधमारी का हो रहा प्रयास

पूर्णिया। यूं तो मेयर को लेकर आए अविश्वास प्रस्ताव के बाद से ही दोनों ही पक्ष जीत के लिए आवश्यक आंकड़ा अपने पास होने का दावा कर रहे हैं। लेकिन वार्ड आयुक्तों के जोड़-तोड़ का खेल अभी खत्म नहीं हुआ है। दोनों ही पक्ष एक-दूसरे के किले में सेंधमारी का पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। ऐन-केन प्रकारेण दोनों पक्ष अपनी जीत सुनिश्चित करने में लगे हैं।

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ज्यो-ज्यों अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक की तिथि नजदीक आ रही है राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता बढ़ती जा रही है। दोनों ओर से अपना खेमा मजबूत किए जाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। नगर क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी चरम पर पहुंच गई है। 46 वार्ड वाले नगर निगम में मेयर पद के लिए कम से कम 24 सदस्यों का समर्थन जरूरी है। इसके लिए दानों पक्षों की ओर से शुरू से ही जोड़-तोड़ का खेल चल रहा है। वार्ड आयुक्तों की खींचातानी के बीच उनकी निष्ठा के प्रति दोनों ही पक्ष सशंकित हैं। दोनों ही पक्षों के समक्ष अपने समर्थक वार्ड आयुक्तों की सुरक्षा चुनौती बन गई। यही कारण है कि दोनों पक्षों की ओर से समर्थक वार्ड आयुक्तों को राज्य के बाहर सुरक्षित ठिकानों पर एक तरह से किलेबंदी कर दी गई। बताया जा रहा है कि किसी को भूटान में तो कुछ को नेपाल में सु्रक्षित रखा गया है। दोनों ओर से वार्ड आयुक्तों की खूब तामिरदारी की जा रही है और उनकी फरमाइश पूरा करने में पानी की तरह पैसे बहाए जा रहे हैं। लेकिन खबर है कि उनके ये किले भी अब सुरक्षित नहीं रह गये हैं। दोनों खेमे में भेदिए के पहुंच जाने की सूचनाएं आ रही हैं। उन भेदियों के जरिए दोनों ओर से किले में सेंधमारी का प्रयास किया जा रहा है। दोनों ओर से एक-दो वार्ड आयुक्त की संख्या बढ़ाने के लिए लाखों लुटाने से भी गुरेज नहीं किया जा रहा है। इसके लिए कुछ भी करने को दोनों पक्ष तैयार हैं। 24 के जादुई आंकड़ा तक पहुंचने के लिए दोनों कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बैठक की निर्धारित तिथि 28 जुलाई को परिणाम चाहे जिसके पक्ष में आए परंतु चर्चा है कि नगरवासियों द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधियो की अभी चांदी कट रही है।


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