महेंद्रपुर में कार से उतार स्कॉर्पियो पर अपराधियों ने बिठाया था नाव्या को
पूर्णिया। मासूम नाव्या के अपहरण की पूरी गुत्थी पूर्णिया पुलिस ने महज सात घंटे में सुलझा ली है। पुलिस
पूर्णिया। मासूम नाव्या के अपहरण की पूरी गुत्थी पूर्णिया पुलिस ने महज सात घंटे में सुलझा ली है। पुलिस ने इस घटना में शामिल चार अपराधियों को दबोच लिया है जबकि इस घटना में शामिल एक अन्य अपराधी की तलाश जारी है। पकड़ में आए अपराधियों ने नाव्या को अपहरण के बाद महेन्द्रपुर ले जाकर कार से उतार कर स्कॉर्पियो पर बिठाया और फिर पुलिस को चकमा देने के लिए अंदर के रास्ते से ही डगरूआ के पार जाकर एनएच पकड़ लिया। महेंद्रपुर से कार पर उतारकर अपराधियों ने स्कॉर्पियो में मासूम को बिठाकर किशनगंज के उस ठिकाने पर पहुंचा दिया जहां उसे रखकर फिरौती वसूले जाने की योजना थी। अपराधियों की योजना थी कि उसे अपराधी मो. अल्ताफ के घर रककर फिरौती मांगी जाए। अपराधी इस मंसूबे में सफल भी हो गए लेकिन पुलिस की दबिश ने उनके सभी मंसूबों पर पानी फेर दिया। बताया जाता है कि जिन अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया वे सात दिनों से लगातार सुरेंद्र जैन के घर के आसपास चक्कर लगा रहे थे। इसमें आरोपी चांद जो चालक का काम करता था उसके द्वारा नाव्या के स्कूल आने जाने की गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी।
घटना के बाद पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो रिनोल्ड कार से अपहरण की बात सामने आई। इसके बाद जब पुलिस ने जांच की तो खुलासा हुआ कि अपहरण में जो कार प्रयोग में लाई गई वह बलराम चौहान की है। उसने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया अपनी कार से अपहृत को बाहर तक छोड़ने की जिम्मेदारी ली थी। जिसके एवज में उसे रुपये मिलने थे। महेंद्रपुर तक अपहृत को पहुंचाने के बाद बलराम चौहान अपनी कार के साथ लौट रहा था कि पुलिस ने उसे दबोच लिया। अपहरण के समय बलराम चौहान के कार में नंबर प्लेट नहीं लगे थे जबकि वापस आते वक्त नंबर प्लेट लगा हुआ था। महेन्द्रपुर के बाद मो. चांद, सद्दाम एवं अफजल मासूम नब्या को लेकर स्कारिपयों से किशनगंज के लिए रवाना हो गए। वे किशनगंज अल्ताफ के ठिकाने पर मासूम को पहुंचाकर जैसे ही घर लौटे की पुलिस ने इन तीनों को दबोच लिया। इन तीनों की गिरफ्तारी की खबर बाद अपने ठिकाने पर मासूम को रखने वाला अल्ताफ हड़बड़ा गया। चारों ओर से खुद को घिरा देख वह मासूम को हटवार चौक के पास छोड़ फरार हो गया।